वाशिंगटन: एक रिपब्लिकन सीनेटर ने कहा है कि भारत और अमेरिका के संबंध दुनिया के सबसे अहम संबंधों में से एक हैं और दक्षिण एशिया में स्थिरता कायम रखने के लिए जरूरी हैं। इसके साथ ही सीनेटर ने कहा कि भारत का पड़ोसी चीजों को चुनौतीपूर्ण बनाता है। क्षेत्र में आतंकवाद से जुड़ी जानकारी और ऐसे समूहों को पाकिस्तान के मौन समर्थन की जानकारी तक सीधी पहुंच रखने वाले सीनेटर रिचर्ड बर ने ये टिप्पणियां केपिटोल विजिटर सेंटर में यूएस इंडिया फ्रेंडशिप काउंसिल और यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा आयोजित गोलमेज वार्ता में कीं।
खुफिया जानकारी से जुड़ी सीनेट की चयन समिति के अध्यक्ष रिचर्ड ने कल कहा, भारत और अमेरिका का संबंध दुनिया के सबसे अहम संबंधों में से एक है। क्षेत्र की स्थिरता के लिए यह बेहद जरूरी है। और मैं इसे कूटनीतिक अंदाज में कैसे कहूं। भारत का पड़ोसी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ पड़ोसियों में से एक नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, पड़ोसी चीजों को बहुत चुनौतीपूर्ण बना देता है।
उन्होंने कहा, इसलिए अपनी जनता की समृद्धि की दिशा में देखने वाली और अमेरिका के साथ दीर्घकालिक एवं विश्वसनीय संबंधों की ओर देखने वाली स्थिर सरकारों के लिए हमारे पास भारत से बेहतर सहयोगी नहीं हो सकता। उत्तर कैरोलीना के सीनेटर ने कहा कि जब अमेरिका समृद्ध होता है तो बाकी दुनिया भी समृद्ध होती है। और जब यहां सफल होने की इच्छा रखने वाले सभी लोगों के लिए सही संरचना नहीं होती तो इससे दुनियाभर में अन्य स्थानों पर भी अवसर कम हो जाते हैं।
कुल 90 मिनट तक चली इस पैनल चर्चा में सीनेटर थॉम टिल्स और जो डोनले समेत कई अन्य अमेरिकी सांसदों ने हिस्सा लिया। कांग्रेस सदस्य जॉर्ज होल्डिंग और कांग्रेस सदस्या तुलसी गब्बार्ड, भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा और रो खन्ना के साथ इस चर्चा में मौजूद थे। चर्चा के दौरान इन लोगों ने भारत और अमेरिका के संबंध के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। भारतीय-अमेरिकी उद्यमी स्वदेश चटर्जी ने अपने संबोधन में कहा, वाशिंगटन में जिन गिनी-चुनी चीजों पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों सहमत होंगे, उनमें से एक है भारत और अमेरिका की साझेदारी। अब जरूरत है कि 115वीं कांग्रेस में एक सकारात्मक और ठोस एजेंडा लाया जाए और ट्रंप प्रशासन इस ऐतिहासिक अवसर का लाभ ले।
उन्होंने कहा कि यदि भारत और अमेरिका करीबी दोस्तों की तरह सहयोग नहीं कर पाते हैं तो साझा हितों पर काम करने को भारी नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा, ये हित आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई से लेकर एशिया में आधिपत्य को रोकने और आर्थिक विकास से जुड़े हैं।