वॉशिंगटन: हालिया घटनाक्रमों से साफ हो चुका है कि अमेरिकी प्रशासन पाकिस्तान की आतंकियों के खिलाफ 'लड़ाई' से बुरी तरह चिढ़ा हुआ है। हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पाकिस्तान को आतंकियों का पनाहगाह न बनने की चेतावनी दी थी। अब ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान को सुरक्षा संबंधी अमेरिकी मदद सशर्त होगी और यह इस बात पर निर्भर करेगी कि इस्लामाबाद तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ क्या कदम उठाता है।
अधिकारी ने कहा, ‘पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों और इन आतंकी समूहों के बीच लंबे समय से संबंध चले आ रहे हैं। इसलिए हम परिस्थितियों के रातों-रात बदलने की उम्मीद नहीं रखते। हमें उम्मीद है कि बदलाव समय के साथ धीरे-धीरे आएंगे।’ कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अराजकता के एजेंटों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करवाने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा था और चेतावनी दी थी आतंकियों को पालने के लिए उसे बहुत कुछ खोना होगा।
अधिकारी ने कहा, ‘जब ये बदलाव आने शुरू होंगे तब हम उन्हें देख सकेंगे। हो सकता है कि जनता को ये बदलाव एकदम से नजर ना आएं लेकिन हमें विश्वास है कि हमारे कहे अनुसार अगर पाकिस्तान कदम उठाएगा तो हमें उनके बारे में पता चलेगा और हम उनका आकलन कर सकेंगे। इसलिए हमारी सुरक्षा संबंधी मदद सशर्त होगी और यह आतंकी नेटवर्कों खासकर तालिबान-हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों पर निर्भर करेगी।’
अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान में हालात पर अमेरिका सावधानीपूर्वक नजर रख रहा है और उसे इसमें कुछ प्रगति होने की उम्मीद है। जब उनसे पूछा गया कि क्या ट्रंप प्रशासन ने आतंकी समूहों के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा कार्रवाई में प्रगति के लिए कोई समयसीमा तय की है इस पर उन्होंने कहा, ‘सटीक समयसीमा के बारे में बताना अनुचित होगा। लेकिन निश्चित ही हम यह उम्मीद करते हैं कि हमें निकट भविष्य में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे।’