वाशिंगटन: लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में मारे गए भारतीय सैनिकों के प्रति अमेरिका ने गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शीर्ष चीनी राजनयिक यांग जिएची के साथ बैठक के कुछ घंटे बाद कहा, ‘‘चीन के साथ हाल में हिंसक झड़प में सैनिकों के मारे जाने पर भारत के लोगों के प्रति हम गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।’’ हवाई में हुई पोम्पिओ-यांग वार्ता में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प का मुद्दा उठा या नहीं इस साथ संबंध में विदेश मंत्रालय ने कोई जानकारी नहीं दी।
व्हाइट हाउस ने एक दिन पहले कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़पों की जानकारी है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैन्यकर्मी मारे गए थे।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मेकनैनी ने सीमा पर हुई झड़प के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा था, ‘‘राष्ट्रपति को इसकी जानकारी है। हम पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय एवं चीनी बलों के बीच हालात पर नजर रख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारतीय सेना का बयान देखा है कि झड़प में 20 भारतीय जवानों ने जान गंवाई है और हम इसे लेकर गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच मध्यस्थता करने को लेकर कोई आपैचारिक योजना नहीं है। मेकनैनी ने कहा था, ‘‘मैं केवल यह बताना चाहती हूं कि इस साल दो जून को (अमेरिका के) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई बातचीत में दोनों ने भारत-चीन सीमा पर स्थिति को लेकर बातचीत की थी।’’
इससे पहले चीनी सेना के सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के साथ शीर्ष चीनी राजनयिक यांग जिची की इसी बैठक की वजह से चीन ने अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा नहीं दिया। सूत्रों ने कहा कि चीन को डर सता रहा था कि इस बैठक में भारत के साथ संघर्ष का मुद्दा उठ सकता है।