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‘हम नहीं करेंगे पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने का समर्थन’

अमेरिका ने आज कहा है कि वह पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने की मांग का समर्थन नहीं करता बल्कि वह आतंकियों को शरणस्थली उपलब्ध करवाने वाले क्षेत्र की सरकारों के साथ काम करना जारी रखेगा जिनसे भारत को भी खतरा पेश होता है।

Bhasha
Updated : October 07, 2016 12:53 IST
Kirby- India TV Hindi
Kirby

वाशिंगटन: अमेरिका ने आज कहा है कि वह पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने की मांग का समर्थन नहीं करता बल्कि वह आतंकियों को शरणस्थली उपलब्ध करवाने वाले क्षेत्र की सरकारों के साथ काम करना जारी रखेगा जिनसे भारत को भी खतरा पेश होता है। अमेरिका ने कश्मीर के मुद्दे समेत भारत और पाकिस्तान के बीच के विभिन्न मतभेदों को सुलझाने और मौजूदा तनाव को कम करने के लिए सार्थक वार्ता का भी आह्वान किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इस बात पर यकीन जताया कि पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों को आतंकियों से सुरक्षित रखा है।

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जब किर्बी से पूछा गया कि क्या सरकार कांग्रेस में एक विधेयक और एक ऑनलाइन याचिका का समर्थन करेगी, जो कहती है कि अमेरिका को पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करना चाहिए तो उन्होंने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैंने खासतौर पर ऐसे किसी विधेयक के बारे में कुछ नहीं देखा है और निश्चित तौर पर हम :समर्थन: नहीं करते।

बहरहाल, किर्बी ने कहा कि इस संदर्भ में जो भी लंबित विधेयक आने वाला हो, वह उसपर टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, हम जो मैं जो क्षेत्र में मौजूद साझा खतरे, साझी चुनौती की बात कहूंगा, निश्चित तौर पर यह भारतीय लोगों के लिए भी खतरा है। हम कहेंगे कि हम पाकिस्तान, अफगानिस्तान के साथ काम जारी रखने वाले हैं। विदेश मंत्री हाल ही में ब्रसेल्स और अफगानिस्तान के सम्मेलन से लौटे हैं। किर्बी ने कहा, इन साझा खतरों और चुनौतियों से निपटने के लिए हम लोग उस क्षेत्र की सरकारों के साथ काम करना जारी रखेंगे। हमने हमेशा कहा है कि :आतंकियों की: शरणस्थलियों को लेकर और भी बहुत कुछ किया जा सकता है और हम यही करने वाले हैं। हम एकबार फिर इस दिशा में अधिक से अधिक संभव सहयोग के लिए काम करने की कोशिश करने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर अमेरिका का रूख नहीं बदला है और यह रूख कहता है कि भारत और पाकिस्तान इस समस्या को निपटाएं। उन्होंने कहा, कश्मीर के मुद्दे पर, हमारा रूख नहीं बदला है। हम चाहते हैं कि कश्मीर के मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच काम हो। निश्चित तौर पर हम चाहते हैं कि मौजूदा तनाव कम हो और वार्ता हो। दोनों देशों के बीच के इन मुद्दों को सुलझाने के लिए अर्थपूर्ण द्विपक्षीय वार्ताएं हों। उन्होंने कहा, उन दोनों :देशों: के बीच अब भी मतभेद हैं। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि हम चाहते हैं कि वे इन मतभेदों पर काम करें। हमारे भी कई देशों के साथ मतभेद हैं और हम उन्हें सुलझाने की दिशा में काम करना जारी रखते हैं।

उन्होंने कहा, हम यही कह रहे हैं, यही उम्मीद कर रहे हैं, भारत और पाकिस्तान के नेताओं से यही उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन हम एक मिनट के लिए भी यह नहीं मानते कि ये देश अपने समक्ष चुनौतियों को या अपने बच्चों की जिंदगियों एवं सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेते। किर्बी ने यह भी कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, हमने पहले भी कहा है कि हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि पाकिस्तान के शस्त्रागारों का जरूरी सुरक्षा नियंत्रण उसके :पाकिस्तान के: हाथ में है।

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