वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि उत्तर कोरिया संबंधी उसकी नीति में ‘‘कोई बदलाव नहीं’’ आया है। अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कल बयान दिया था कि वाशिंगटन बिना किसी पूर्व शर्त के वार्ता के लिए तैयार है जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने यह बयान जारी किया है। कुछ विशेषज्ञों ने टिलरसन के इस बयान की यह व्याख्या की थी कि उत्तर कोरिया के मामले में अमेरिका का रुख नरम पड़ रहा है। विदेश मंत्री ने वार्ता शुरू होने से पहले प्योंगयांग के परमाणु एवं बैलिस्टिक परीक्षणों में ‘‘ठहराव की अवधि’’ की आवश्यकता की बात की थी। (आखिर क्यों पाक में सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं लोगों को गायब )
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वार्ता ‘‘बिना किसी पूर्व शर्त’’ के शुरू हो सकती है। इसमें यह शर्त भी शामिल है कि किम जोंग उन का शासन अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने की पुष्टि करे। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने आज कहा, ‘‘मंत्री कोई नई नीति नहीं बना रहे हैं। हमारी नीति पहले की ही तरह है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब उत्तर कोरिया कोरियाई प्रायद्वीप के शांतिपूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण पर वार्ता शुरू करने का इच्छुक होगा, हम तब वार्ता के लिए तैयार हैं।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘स्पष्ट रूप से इसका समय अभी नहीं है’’ और विदेश मंत्रालय की सोच इस मामले में व्हाइट हाउस की तरह ही है। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच. आर. मैक्मास्टर ने आज कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण ‘‘उत्तर कोरिया में एक मात्र व्यवहार्य लक्ष्य है।’’ उन्होंने वाशिंगटन में जेम्सटाउन फाउंडेशन अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में टिलरसन के बयान की व्याख्या करते हुए कहा कि अमेरिका ‘‘उत्तर कोरिया पर दबाव कम नहीं करने जा रहा है।’’