नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज बुधवार को अपने ट्वीट में लिखा है- 'वैक्सीन पर अच्छी खबर है।' हालांकि, ट्रंप ने अपने ट्वीट में इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना इंक की वैक्सीन mRNA-1273 की कामयाबी पर ट्रंप का यह प्रतिक्रिया सामने आयी है। बता दें कि, अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना इंक की वैक्सीन mRNA-1273 अपने पहले ट्रायल में पूरी तरह से सफल रही है। मॉडर्ना इंक की वैक्सीन mRNA-1273 के पहले टेस्ट में 45 ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जो स्वस्थ थे और उनकी उम्र 18 से 55 साल के बीच थी और इसके परिणाम सफल रहे। इसके बाद बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर खुशी जताई है।
डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गयी है। डॉक्टर डेविड बी समदी जो की एक यूरोलॉजिस्ट हैं और लेनॉक्स हिल अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी के प्रमुख हैं, उन्होंने ट्रंप के ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए लिखा, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यह टीका सुरक्षित और प्रभावी होगा, यह अच्छी खबर है और मुझे पता है कि दुनिया के सबसे तेज दिमाग के साथ काम करके हम इस वायरस को समाप्त कर सकते हैं।
मॉडर्ना इंक अब कोरोना वैक्सीन के लेट स्टेज ट्रायल की तैयारी कर रही है। कंपनी के अनुसार, 27 जुलाई के आसपास इस ट्रायल को शुरू किया जा सकता है। मॉडर्ना ने कहा कि वह अमेरिका के 87 स्टडी लोकेशन पर इस वैक्सीन के ट्रायल का आयोजन करेगी। माना जा रहा है कि तीसरे चरण के ट्रायल के सफल होने के बाद कंपनी कोई बड़ी घोषणा कर सकती है।
बता दें कि, कोरोना वायरस का संक्रमण देश-दुनिया में तेजी से लगातार फैलता जा रहा है जोकि विश्व समुदाय के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। अब तक पूरी दुनिया में सवा करोड़ से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इस तरह का ट्विट काफी अहम माना जा रहा है। ट्रंप के ट्वीट के बाद चर्चा तेजी से हो रही है कि क्या अमेरिका ने कोरोना की वैक्सीन तैयार कर ली है।
भारत में भी तेजी से कोरोना वैक्सीन पर चल रहा है काम
गौरतलब है भारत ने भी कोरोना वैक्सीन की एक ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और अब मानव परीक्षण भी शुरू कर दिया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा कि कोविड-19 टीके का देश में मानव परीक्षण शुरू हो गया है। देश में विकसित दो टीकों के परीक्षण की कवायद में लगभग एक हजार स्वयंसेवी शामिल हो रहे हैं। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने दो टीकों के पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण की अनुमति दे दी है। इनमें से एक टीका भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया है, जबकि दूसरा टीका जायडस कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने तैयार किया है।