नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने अपने अमेरिकी समकक्ष अजित डोभाल के साथ फोन पर बातचीत में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने के साथ ही जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयास के प्रति समर्थन जताया है। विदेश मंत्रालय के एक बयान में शनिवार को यह कहा गया।
बयान के मुताबिक, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के तहत सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के प्रति समर्थन जताया। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में शहीद हुए जवानों की आंकड़ा 49 हो गया है।
डोभाल और बोल्टन ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के लिए जवाबदेही स्वीकार करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के तहत अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैश-ए-मोहम्मद को पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है।
चीन अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयास में हमेशा रोड़ा अटकाता रहा है। जेईएम के 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से जम्मू एवं कश्मीर में अंजाम दिए गए सबसे जघन्य हमले की जिम्मेदारी स्वीकरने के बावजूद बीजिंग ने शुक्रवार को भी संकेत में दिया कि वह अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयास को रोकता रहेगा।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, "दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने इस बात को सुनिश्चित करने के लिए साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई है कि पाकिस्तान जेईएम और भारत, अमेरिका या क्षेत्र में अन्य देशों को निशाना बनाने वाले समूहों को सुरक्षित पनाहगाह देना बंद करे।"
बोल्टन और डोभाल के बीच शुक्रवार शाम को हुई वार्ता में इस पर सहमति बनी। अमेरिकी राजनयिक ने हमले को दोषियों और उनके प्रति समर्थन जताने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया है।