वाशिंगटन: दक्षिण एशियाई मामलों पर एक शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर वैश्विक युद्ध के दौरान अमेरिका के साथ दोहरा खेल खेला है और उन्होंने ट्रंप प्रशासन से आग्रह किया कि वह कई हथकंडों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान से उसकी जिहादी आदत छोड़ने की मांग करें।
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जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के सुरक्षा अध्ययन कार्यक्रम की एसोसिएट प्रोफेसर सी क्रिस्टिन फेयर ने द नेशनल इंट्रेस्ट मैगजीन के कल प्रकाशित हुये लेख में लिखा, वाशिंगटन को यह मांग करने की जररत है कि पाकिस्तान अपनी जिहाद की आदत छोडें जबकि साथ ही वह यह सुनिश्चित करने के लिए काम करें कि प्रतिशोध की निरंतर चल रही कार्रवाई समाप्त हों।
आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की प्रमुख आलोचक के तौर पर सामने आयी फेयर ने लिखा, अमेरिका के पास प्रतिबंधों से लेकर पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश घोषित करने, सैन्य सहायता में महत्वपूर्ण कटौती करने तक इस समस्या से निपटने के कई हथकंडे हैं। अब अमेरिका को इन हथकंडों को आजमाने की जररत है।
उन्होंने कहा, आतंकवाद के खिलाफ तथाकथित वैश्विक लड़ाई के शुरआती वर्षों से लेकर अब तक पाकिस्तान ने दोहरा खेल खेला है। एक तरफ उसने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इस्लामी आतंकवाद से लड़ाई में सहयोग के नाम पर पाकिसतान से करीब 33 बिलियन डॉलर लिये है। वहीं दूसरी ओर अफगान तालिबान, जलालुद्दीन हक्कानी नेटवर्क, लश्कर ए तैयबा और अन्य के जरिये अफगानिस्तान में नाटो और गैर नाटो सहयोगियों के साथ-साथ अमेरिकियों और उनके अफगान साझेदारों की हत्या करता रहा है।