वाशिंगटन: अमेरिका में हुये मध्यावधि चुनावों के परिणामों से मंगलवार को यह तस्वीर साफ होने लगी है कि अब डेमोक्रेटिक पार्टी का कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधिसभा में नियंत्रण हो जायेगा। इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को करारा झटका माना जा रहा है। हालांकि उनकी रिपब्लिकन पार्टी का उच्च सदन सीनेट में नियंत्रण बना रह सकता है।
इन परिणामों से वाशिंगटन में शक्ति संतुलन बदल जाने की आशा है। साल 2016 में हुये चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी का कांग्रेस के दोनों सदनों में बहुमत था पर अब मध्यावधि चुनावों के परिणाम से राष्ट्रपति ट्रम्प को शासन चलाने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है। हालांकि देश भर में मतगणना अभी जारी है और कुछ राज्यों में मतदान चल भी रहा है।
द वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक, डेमोक्रेट ने कंसास शहर, फिलाडेल्फिया, पिट्सबर्ग, मिनियापोलिस, मियामी और वाशिंगटन डी.सी. के उपनगरों में मौजूदा नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाकर शुरुआत में ही 13 रिपब्लिकन सीटों पर कब्जा जमा लिया है। इस जीत ने उन्हें 2011 के बाद से पहली बार सदन में बहुमत के करीब कर दिया है।
सदन में जीत हासिल करने से डेमोक्रेट्स को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन, उनकी व्यक्तिगत आय, होटलों, गोल्फ कोर्स और अन्य व्यापार, जिसके वह मालिक हैं, उसकी जांच करने की शक्ति मिलेगी। वे 2016 चुनावों में कथित रूप से ट्रंप द्वारा रूसी सरकार की मदद से गलत तरीके से मतदाताओं को प्रभावित करने के आरोपों की नए सिरे से जांच के लिए भी दबाव बना सकते हैं।
इस बीच, रिपब्लिकंस ने डेमोक्रेट्स की सीनेट में जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। पार्टी अपने बहुमत में विस्तार करती हुई दिखाई दे रही है। रिपब्लिकन ने फ्लोरिडा, टेक्सास, टेनेसी की मुख्य सीटों पर बढ़त बना ली है और डेमोक्रेट के कब्जे वाली नार्थ डकोटा व इंडियाना सीट को जीत लिया है।