वाशिंगटन: पार्टी लाइन से इतर हटकर अमेरिका के वरिष्ठ सांसदों ने भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने और इसे नए स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया है क्योंकि उनका मानना है कि परस्पर गलतफहमियों ने आर्थिक एवं सुरक्षा क्षेत्रों में फायदों पर असर डाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीते बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के बाद से यहां के सांसदों के साथ उनका निजी तालमेल बैठ गया है। इनके साथ सोशल मीडिया पर वह सीधा संवाद कर रहे हैं।
अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों के सदस्यों ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत बनाने की पैरवी की है। सीनेट में बहुमत पक्ष के नेता मिच मैककोनेल ने कहा कि परस्पर गलतफहमियों के कारण आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्रों में दोनों को परस्पर लाभ नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा, हम व्यापारिक साझेदार हैं। हम दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। हमारे संबंध महत्वपूर्ण है और ऐसे कई फायदे हैं जिनको भविष्य के सहयोग से साझा किया जा सकता है।
कांग्रेस की सदस्य कैथी कास्टर ने कहा, उनका (मोदी) एक संदेश था कि अमेरिका के महान लोकतंत्र और भारत के भी एक महान लोकतंत्र होने के अलावा हमें भविष्य के बारे में सोचना होगा। हम अमेरिका के कौशल का दोहन कर सकते हैं और फिलहाल हम वायु को स्वच्छ रखना और कारोबार बढ़ाना साथ-साथ कर सकते हैं। सीनेट में अल्पमत पक्ष के नेता सीनेटर हैरी रीड ने कहा कि उन्होंने भारत के लिए अपनी गर्मजोशी के बारे में सभी को बताया।
उन्होंने कहा, भारत में दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है। इसलिए यह ऐसा मित्र है जिसके साथ हमें मित्रता रखनी चाहिए। सीनेटर जॉन कोर्नी ने कहा कि मोदी के भाषण से पता चलता है कि दोनों देश इतने कम समय में साथ आ गए। उन्होंने कहा, जब प्रधानमंत्री बोले तो उन्होंने अपने देश के भविष्य के लिए अपने दृष्टिकोण के बारे में बात की जिनमें अमेरिका के साथ संबंध को प्रगाढ़ बनाना शामिल था। कोर्नी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 30 सेकेंड से अधिक समय का वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा, मैं दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने को उत्सुक हूं।