वॉशिंगटन: अमेरिका ने भारत के साथ संभावित मिसाइल रक्षा सहयोग पर चर्चा की है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने इसके साथ ही जोर दिया कि अमेरिका भारत के साथ ‘ज्यादा गहरा एवं विस्तृत संबंध’ चाहता है। हालांकि रक्षा नीति उपमंत्री जॉन रूड ने कहा कि यह निर्धारित करना बहुत जल्दबाजी होगी कि रक्षा सहयोग के संबंध में भारत इसमें कितनी दिलचस्पी दिखाएगा क्योंकि उसके पास पहले से ही पर्याप्त घरेलू मिसाइल रक्षा क्षमताएं हैं।
रूड ने वॉशिंगटन में गुरुवार को एक थिंक टैंक से कहा, ‘हमने मिसाइल रक्षा को एक संभावित क्षेत्र के तौर पर पहचानने के साथ ही उस पर साझेदारी के बारे में भारतीयों से बातचीत की है। अभी यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि यह कितना संभव हो पाएगा।’ रूड से जब उन खबरों के बारे में पूछा गया जिनके मुताबिक भारत अमेरिका से टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (THAAD) खरीदने का इच्छुक है तो उन्होंने कहा, ‘भारतीयों के पास पर्याप्त घरेलू क्षमताएं हैं और उन्होंने कुछ मिसाइल रक्षा कार्यक्रम विकसित भी किए हैं। इसलिए वह खरीद करने या अमेरिका में हमारे साथ साझेदारी में काम करने के लिए किस हद तक इच्छुक हैं, यह अभी देखना होगा।’
पूर्व के ओबामा प्रशासन ने कभी भी अपने उन्नत मिसाइल रक्षा तंत्र को भारत के साथ साझा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई जिसके बाद भारत, रूस से इसकी खरीद करने लगा। भारत-प्रशांत रणनीति के तहत ट्रंप प्रशासन भारत को अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए अब ज्यादा झुकाव दर्शा रहा है और दोनों देशों के बीच बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है।