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भारत की रूस से S-400 डील के बाद चेता अमेरिका? मिसाइल रक्षा सहयोग पर चर्चा का किया जिक्र

आपको बता दें कि भारत ने रूस से एस-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए 5 अरब डॉलर का ऑर्डर दिया है जिसे लेकर अमेरिका ने सार्वजनिक तौर पर नाखुशी जताई है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 18, 2019 13:53 IST
US discusses potential missile defence cooperation with India, says Pentagon | AP File
US discusses potential missile defence cooperation with India, says Pentagon | AP File

वॉशिंगटन: पेंटागन ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने द्विपक्षीय सामरिक साझीदारी को और मजबूत करने की कोशिश के तहत भारत के साथ संभावित मिसाइल रक्षा सहयोग पर चर्चा की है। उसने बताया कि नई दिल्ली, अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति में ‘अहम तत्व’ है। आपको बता दें कि भारत ने रूस से एस-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए 5 अरब डॉलर का ऑर्डर दिया है जिसे लेकर अमेरिका ने सार्वजनिक तौर पर नाखुशी जताई है। इसके मद्देनजर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से जारी 81 पृष्ठीय ‘मिसाइल रक्षा समीक्षा’ रिपोर्ट में पेंटागन की यह घोषणा काफी मायने रखती है। 

पेंटागन ने कहा कि आक्रामक मिसाइल क्षमताओं से पैदा होने वाले खतरे अब दुनिया के कुछ ही हिस्सों तक सीमित नहीं रहे हैं। दक्षिण एशिया में अब कई देश हैं जो बैलिस्टिक एवं क्रूज मिसाइल क्षमताओं की उन्नत एवं विविध रेंज विकसित कर रहे हैं। पेंटागन की रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया, ‘इस संदर्भ में अमेरिका ने भारत के साथ संभावित मिसाइल रक्षा सहयोग पर चर्चा की है। भारत एक बड़ा रक्षा साझीदार और हमारी भारत-प्रशांत रणनीति का अहम तत्व बन कर उभर रहा है।’ रिपोर्ट में रूस और चीन की मिसाइल विकास परियोजनाओं को अमेरिका के लिए बड़ा खतरा चिह्नित किया गया है। रिपोर्ट में भारत के साथ अमेरिका के संभावित मिसाइल रक्षा सहयोग के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी गई।

अमेरिका भारत को अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली की पेशकश में पहले अनिच्छा दिखा चुका है। भारत ने कई साल पहले अमेरिका से संपर्क किया था और उसकी मिसाइल रक्षा प्रणाली खासकर टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस प्रणाली (THAAD) हासिल करने के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की थी। पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन भारत के साथ अपनी उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली साझा करने का इच्छुक नहीं था जिसके बाद नई दिल्ली ने रूस से इसे खरीदा था। ट्रम्प प्रशासन का उसकी भारत-प्रशांत रणनीति के तहत भारत को अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली बेचने की ओर अधिक झुकाव प्रतीत होता है। इस संबंध में दोनों देशों में वार्ता पहले ही शुरू हो चुकी है। 

अमेरिका की 2017 राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में कहा गया है, ‘हम भारत के साथ हमारी सामरिक साझीदारी को गहरा करेंगे और हम हिंद महासागर की सुरक्षा और व्यापक क्षेत्र में नेतृत्व की इसकी भूमिका का स्वागत करते हैं।’ पेंटागन रिपोर्ट में इस रणनीति का जिक्र किया गया है। मिसाइल रक्षा समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की सुरक्षा एवं कूटनीति की आधारशिला जापान, दक्षिण कोरिया और आस्ट्रेलिया के साथ उसके मजबूत द्विपक्षीय संबंध और भारत जैसे देशों के साथ मजबूत होते सुरक्षा संबंध हैं।

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