नई दिल्ली: अमेरिका में नये कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बुधवार को 60,115 पहुंच गई जबकि इससे 827 लोगों की मौत हुई है। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के एक निगरानीकर्ता (ट्रेकर) ने लगभग 24 घंटे पहले 600 मौत होने की जानकारी दी थी। चीन और इटली के बाद सबसे ज्यादा मामलों की पुष्टि अमेरिका में हुई है। न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी के अलावा कैलिफोर्निया, मिशिगन, इलिनोइस और फ्लोरिडा भी कोरोना वायरस के केंद्र बन चुके हैं। हालांकि इस बीमारी की चपेट में सबसे पहले आए वाशिंगटन राज्य में कोई नया मामला या मौत की खबर नहीं आई है।
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ट्रम्प ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि करीब तीन हफ्तों यानी ईस्टर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी। ईस्टर 12 अप्रैल को है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं हर किसी को सामाजिक दूरी बनाने, बड़ी संख्या में एकत्रित होने से बचने, हाथ धोने और अन्य चीजों का पालन करने के लिए प्रेरित करना चाहता हूं। अंतत: हमारा लक्ष्य दिशा निर्देशों में ढील देना और देश के बड़े वर्ग के लिए चीजें सामान्य करना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हम ईस्टर तक यह कर सकते हैं। मुझे लगता है कि यह हमारे देश के लिए बड़ी चीज होगी और हम इसे सच्चाई में बदलने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’’
साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस दो हजार अरब डॉलर के उस विधेयक को जल्द ही पारित कर देगी जिससे संघर्षरत अमेरिकियों को सीधे नकद भुगतान किया जा सकेगा। व्हाइट हाउस कोरोना वायरस कार्य बल की संयोजक देबराह एल बिर्क्स ने पत्रकारों को बताया कि अभी तक 3,70,000 जांच की जा चुकी है जिनमें से 2,20000 लोगों की जांच पिछले आठ दिनों में की गई। उन्होंने कहा कि जांच बढ़ेगी क्योंकि सरकार अब भी पिछले नमूनों की जांच पर काम कर रही है।
इस बीच भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिनों तक देश में लॉकडाउन की घोषणा के एक दिन बाद भारत में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि वह अमेरिकी नागरिकों को वतन पहुंचाने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग विमानन कंपनियों के साथ काम कर रहा है।
इसके अलावा अपनी वेबसाइट पर स्वास्थ्य अलर्ट में दूतावास ने कहा है कि वह अमेरिकी नागरिकों को होटलों में रखने के लिए भारत सरकार के साथ संपर्क में है। प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मंगलवार को 15 अप्रैल तक 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की।
दूतावास ने कहा, ‘‘कर्फ्यू के सही-सही मानक अभी स्पष्ट नहीं हैं, ऐसे में अमेरिकी नागरिक जहां पर हैं उन्हें सहयोग करना चाहिए।’’ दूतावास ने कहा, ‘‘अमेरिकी नागरिकों को भारतीय कानून का पालन करने की जरूरत है और कानून लागू करने वाले अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। हम भारत सरकार के साथ संपर्क में हैं ताकि अमेरिकी नागरिक जरूरत पड़ने पर होटलों में रह सकें।’’ आगे दूतावास ने कहा है कि एक बार उड़ानों की व्यवस्था हो जाने पर हम अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षित हवाई अड्डे तक पहुंचाने के लिए भारत सरकार से बात करेंगे।