वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश की नयी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (एनएसएस) की घोषणा करते हुए पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी जमीन से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ ‘‘निर्णायक कार्रवाई’’ करे। संसद से मंजूरी मिलने के बाद ट्रंप ने अपनी पहली राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को जारी किया। इस रणनीति के अनुसार, अमेरिका अस्थिरता नहीं फैलाने वाला पाकिस्तान और स्थिर तथा आत्मनिर्भर अफगानिस्तान चाहता है। अपनी एनएसएस की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि हम उसके साथ अच्छी साझेदारी चाहते हैं लेकिन, हमें उसकी धरती से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई भी देखनी है। और हम पाकिस्तान को प्रति वर्ष बड़ा भुगतान करते हैं। उन्हें मदद करनी होगी।’’ (इस्लामिक स्टेट में शामिल होने वाले एक शरणार्थी को 16 साल की जेल )
पाकिस्तान को 9/11 हमले के बाद से अभी तक अमेरिका से 33 अरब डॉलर की राशि मिली है। इसमें कहा गया है, ‘‘हम पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तेज करने का दबाव बनाएंगे, क्योंकि अपने साझेदार के सुरक्षा बलों और अधिकारियों को निशाना बनाने वाले चरमपंथियों और आतंकवादियों को समर्थन देने वाले देश के साथ कोई सहयोग जारी नहीं रह सकता।’’ एनएसएस के अनुसार, पाकिस्तान अपनी परमाणु संपति का जिम्मेदार रखवाला है यह दर्शाने के लिए अमेरिका उसे प्रोत्साहित करेगा।
उसमें कहा गया है कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका अफगानिस्तान के साथ साझेदारी जारी रखेगा। एनएसएस अपने प्रयासों को सुरक्षा में सुधार के अलावा पाकिस्तान के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ाने से भी जोड़ता है। यह रेखांकित करते हुए कि अमेरिका को पाकिस्तान के भीतर से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादियों से खतरा बना हुआ है एनएसएस में कहा गया है कि भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष, जिससे अंतत: परमाणु युद्ध में बदलने की आशंका है, चिंता का मुख्य विषय है और उसपर लगातार कूटनीतिक दृष्टि बनाए रखने की जरूरत है। सत्ता में आने के बाद ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रूख अपना रहा है, लेकिन पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में आनाकानी के बावजूद उसपर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।