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चीन की जबरदस्त नाराजगी के बावजूद नहीं माना अमेरिका, ताइवान को बेचेगा हथियार

अमेरिका के इस फैसले के बाद चीन ने इसे वॉशिंगटन-बीजिंग संबंधों के लिए 'अत्यंत संवेदनशील और हानिकारक' बताया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 10, 2019 10:13 IST
US approves potential sale of $2.2bn in arms to Taiwan despite Chinese ire | AP Representational
US approves potential sale of $2.2bn in arms to Taiwan despite Chinese ire | AP Representational

वॉशिंगटन: चीन की भारी नाराजगी के बावजूद अमेरिका ने ताइवान को हथियार बेचने का फैसला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने ताइवान को 2.2 अरब डॉलर की हथियार बिक्री की मंजूरी दे दी है। अमेरिका के इस फैसले के बाद चीन ने इसे वॉशिंगटन-बीजिंग संबंधों के लिए 'अत्यंत संवेदनशील और हानिकारक' बताया है। पेंटागन ने सोमवार को ताइवान के साथ हुए इस रक्षा सौदे पुष्टि की, जिसमें 108 एब्राम टैंक, 250 स्टिंगर मिसाइल और संबंधित उपकरणों की बिक्री शामिल है।

पेंटागन की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने कहा कि बिक्री से क्षेत्र में बुनियादी सैन्य संतुलन में बदलाव नहीं होगा और इसने कांग्रेस को इस कदम की सूचना दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले महीने चीन के विदेश मंत्रालय ने बिक्री को रोकने के लिए अमेरिका से आग्रह किया था। उन्होंने इसे अत्यंत संवेदनशील और हानिकारक निर्णय कहा। गौरतलब है कि चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने भी अमेरिका से 'वन चाइना' नीति का पालन करने का आह्वान किया, जिसके तहत अमेरिका केवल चीन के साथ औपचारिक संबंध रखेगा, न कि ताइवान के साथ।

शुआंग ने इससे पहले कहा था, ‘अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियारों की बिक्री एक-चीन सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन है।चीन अमेरिका से आग्रह करता है कि वह चीन-अमेरिका संबंधों को नुकसान पहुंचने से बचाने के लिए तुरन्त ताइवान को हथियारों की प्रस्तावित बिक्री को रद्द करे और उसके साथ सैन्य संबंध भी खत्म करे।’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद लंबे समय से वॉशिंगटन-बीजिंग संबंधों में एक विवादास्पद बिंदु बना हुआ है, जो अब और अधिक विवादास्पद हो गया है। साल 2016 में पदभार ग्रहण करने के बाद, ट्रंप ने ताइवान के राष्ट्रपति त्से इंग-वेन से फोन पर बात भी की थी।

 

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