Saturday, November 30, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. अमेरिका की NSG सदस्य देशों से अपील, ‘भारत का समर्थन करें’

अमेरिका की NSG सदस्य देशों से अपील, ‘भारत का समर्थन करें’

वाशिंगटन: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता पाने की भारत की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए अमेरिका ने आज 48 सदस्यीय इस विशिष्ट समूह के सदस्य देशों से अपील की कि परमाणु कारोबार क्लब की अगले

Bhasha
Updated : June 17, 2016 22:03 IST
modi and obama- India TV Hindi
modi and obama

वाशिंगटन: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता पाने की भारत की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए अमेरिका ने आज 48 सदस्यीय इस विशिष्ट समूह के सदस्य देशों से अपील की कि परमाणु कारोबार क्लब की अगले हफ्ते होने वाली अहम बैठक के दौरान वे भारत की सदस्यता का समर्थन करें। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) के सदस्य देशों से अपील की है कि जब भी एनएसजी की पूर्ण बैठक हो तब इसके सदस्य देश भारत के आवेदन का समर्थन करें।

अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न के जवाब में किर्बी ने कहा, फिलहाल मैं यह नहीं बता सकता कि यह कैसे होगा और ना ही मैं कोई अटकल लगा सकता हूं कि किस तरह से इसे किया जाएगा, लेकिन हमने यह साफ किया है कि हम उनके (भारत के) आवेदन का समर्थन करेंगे। एनएसजी में भारत के मामले पर अमेरिका उसका मजबूती से समर्थन कर रहा है और संभवत: 24 जून को सोल में समूह की पूर्ण बैठक में एनएसजी के सदस्य देशों से भारत की सदस्यता का समर्थन करने के लिए उसने समूह के सदस्य देशों को पत्र भी लिखा है।

अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध कर रहे देशों को हाल में दो पृष्ठों का पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उन्हें समूह में भारत को शामिल किए जाने पर बन रही आम सहमति में रूकावट नहीं डालते हुए इस पर सहमति जतानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले सप्ताह अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 48 सदस्यीय समूह के लिए भारत के आवेदन का स्वागत किया था।

मोदी और ओबामा के बीच बातचीत के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि अमेरिका एनएसजी के सदस्य देशों से यह अपील करता है कि एनएसजी की पूर्ण बैठक में भारत का आवेदन आने पर इसके सहयोगी देश उसका (भारत का) समर्थन करें। 48 सदस्यीय समूह के जहां अधिकतर सदस्य देश भारत की सदस्यता का समर्थन कर रहे हैं वहीं न्यूजीलैंड, आयरलैंड, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्टि्रया सहित चीन भारत के सदस्य बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं।

चीन एनएसजी में भारत के प्रवेश के विरोध पर कायम है, उसकी दलील है कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किया है। एनएसजी के भारत को किसी भी तरह की छूट प्रदान करने की स्थिति में चीन अपने करीबी सहयोगी देश पाकिस्तान के लिए भी इसकी सदस्यता चाहता है। भारत ने फ्रांस के मामले का हवाला देते हुए कहा है कि एनएसजी की सदस्यता पाने के लिए एनपीटी पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य नहीं है क्योंकि इस संबंध में पूर्व के उदाहरण रहे हैं।

एनएसजी परमाणु से संबंधित अहम मुद्दों को देखता है और इसके सदस्यों को परमाणु प्रौद्योगिकी के व्यापार एवं उसके निर्यात की इजाजत होती है। समूह की सदस्यता मिलने से भारत को अपने परमाणु उर्जा क्षेत्र के विस्तार में उल्लेखनीय रूप से मदद मिलेगी। एनएसजी में प्रवेश के लिए भारत इसके सदस्य देशों से समर्थन मांगने के इरादे से उन तक पहुंच रहा है। एनएसजी सर्वसम्मति के सिद्धांत के तहत काम करता है और भारत के खिलाफ एक देश का भी वोट भारत की दावेदारी को नुकसान पहुंचा सकता है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement