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भारत से चीन के तनाव के बीच अमेरिका ने उठाया तिब्बत पर बड़ा कदम, अधिकारियों पर लगाया प्रतिबंध

भारत से चीन के तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत कानून के तहत चीन के अधिकारियों के एक समूह पर वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : July 08, 2020 12:10 IST
US announces visa restrictions for Chinese officials under Reciprocal Access to Tibet Act
Image Source : AP US announces visa restrictions for Chinese officials under Reciprocal Access to Tibet Act

वाशिंगटन: भारत से चीन के तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत कानून के तहत चीन के अधिकारियों के एक समूह पर वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। पोम्पियो ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘आज मैं पीआरसी (पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के उन अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध की घोषणा करता हूं जो तिब्बत में विदेशियों की पहुंच को रोकने का काम कर रहे हैं। हम लगातार चाहते हैं कि हमारे संबंधों में पारस्परिकता बनी रहे।’’

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उन्होंने बयान में कहा कि चीन, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) तथा तिब्बत के अन्य क्षेत्रों में अमेरिकी राजनयिकों तथा अन्य अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों को जाने से जानबूझकर लगातार रोकता रहा है जबकि दूसरी ओर इसके किसी अधिकारियों एवं नागरिकों के अमेरिका में आने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है।

पोम्पियो ने कहा कि इसी तरह वह चीन की सरकार तथा चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के उन अधिकारियों पर वीजा पाबंदी की घोषणा कर रहे हैं जो तिब्बती इलाकों में विदेशियों के प्रवेश से संबंधित नीतियां बनाने और उन्हें कार्यान्वित करने के काम में शामिल हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि उनका यह कदम ‘रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत कानून (तिब्बत में पारस्परिक पहुंच कानून), 2018’ के अनुरूप है।

उन्होंने कहा कि चीन द्वारा तिब्बत में किए जा रहे मानवाधिकार हनन, एशिया की प्रमुख नदियों के उद्गम स्थलों के निकट हो रही पर्यावरणीय क्षति को रोकने में बीजिंग की विफलता को देखते हुए तिब्बती इलाकों तक पहुंच क्षेत्रीय स्थिरता के लिए लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है। पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका वहां सतत आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण को गति देने तथा चीन तथा बाहर तिब्बती समुदायों की मानवीय स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम करता रहेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम तिब्बति लोगों की सार्थक स्वायत्तता के लिए, उनके बुनियादी तथा अहस्तांतरणीय मानवाधिकारों के लिए, उनके विशिष्ट धर्म, संस्कृति और भाषायी पहचान को सुरक्षित रखने के लिए काम करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। सही मायनों में पारस्परिकता के लिए लिए हम अमेरिकी कांग्रेस के साथ मिलकर काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिका लोगों की टीएआर तथा अन्य तिब्बती इलाकों समेत पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के सभी क्षेत्रों में पूर्ण पहुंच हो।’’

विदेश मंत्रालय ने एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 में तिब्बती मुद्दों की खातिर 1.7 करोड़ डॉलर के कोष तथा तिब्बती मुद्दों पर विशेष समन्वयक के लिए दस लाख डॉलर का प्रस्ताव दिया है। इस बीच चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स और गोग्रा में झड़प वाले क्षेत्रों से अस्थायी ढांचों को हटा दिया है और मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सैनिकों की वापसी का सिलसिला जारी रहा।

वहीं भारत ने पर्वतीय क्षेत्रों में रात के समय भी हवाई गश्त जारी रखी है और भारतीय सेना उनकी पीछे हटने की गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही है। गोग्रा और हॉट स्प्रिंग्स टकराव वाले ऐसे बिंदु है जहां पिछले आठ सप्ताह से दोनों देशों की सेनाओं के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों ने बताया कि इन दो क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने का काम दो दिन में पूरा होने की संभावना है और इन क्षेत्रों से ‘‘चीनी सैनिकों की पर्याप्त वापसी भी हुई है।’’ 

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