वाशिंगटन: उत्तर कोरिया द्वारा सर्वाधिक शक्तिशाली मिसाइल का परीक्षण किए जाने के कुछ घंटे बाद अमेरिका और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच आज सुरक्षा संबंधी बातचीत हुई। दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि संकट के समय शक्तिशाली अमेरिका और चीन की सेनायें कैसे संवाद कर सकती हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस परीक्षण के बाद चीन से उसके सहयोगी के खिलाफ कड़ा रूख अपनाने की मांग की है। (सीरिया को मदद पहुंचाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका और रूस के बीच हुआ विवाद)
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि एशिया में उत्तर कोरिया के कल तड़के अचानक मिसाइल परीक्षण करने से बहुत पहले अमेरिकी और चीनी सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत का कार्यक्रम निर्धारित हो चुका था। अधिकारियों ने बताया कि दोनो देशों के सैन्य अधिकारियों की बातचीत के केंद्र में उत्तर कोरिया और ऐसा कोई खास विषय नहीं था।
ट्रंप ने उत्तर कोरिया को उनके देश पर परमाणु मिसाइल से हमला करने की क्षमता विकसित करने से रोकने और जरूरत पड़ने पर सैन्य बलों का इस्तेमाल करने का संकल्प जताया था। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया द्वारा प्रक्षेपित यह मिसाइल जापान सागर में गिरी जिससे उत्तर कोरिया की वाशिंगटन और पूरे अमेरिकी पूर्वी समुद्री तट पर हमला करने की क्षमता का पता चलता है। अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ दूरभाष पर बातचीत करते हुए कल चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उत्तर कोरिया के साथ गतिरोध को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने की अपनी इच्छा जाहिर की थी।