वॉशिंगटन: अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के टॉप डिप्लोमैट्स ने अपनी बातचीत में चीन पर चर्चा किए जाने के बाद कहा है कि दोनों देश क्वॉड सहयोग के जरिए और अधिक काम करना चाहते हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने वॉशिंगटन पहुंची ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ गुरुवार को एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका कभी भी ऑस्ट्रेलिया को अकेला नहीं छोड़ेगा, खासतौर से चीन की ओर से आर्थिक दबाव के मामले में। ब्लिंकन के इस बयान के पर चीन की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
ब्लिंकन ने कहा, ‘मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की साझा सोच को आगे बढ़ाने की खातिर हम भारत और जापान के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम बड़ी, जटिल चुनौतियों से निपट रहे हैं जैसे कि पूर्व और दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय नियम का पालन सुनिश्चित करना और कोविड-19 रोधी टीकों की दुनियाभर में सुरक्षित एवं प्रभावी पहुंच बनाना। राष्ट्रपति जो बाइडेन मार्च में क्वॉड के पहले शिखर सम्मेलन का आयोजन करके गौरवान्वित हुए। हम आने वाले महीनों और वर्षों में अपने सहयोगियों के सहयोग से और अधिक काम करने के लिए उत्साहित हैं।’
क्वॉड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग को संक्षेप में क्वॉड कहा जाता है। इसका गठन साल 2007 में किया गया था। इसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। पायने ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के चीन के साथ संबंधों पर बातचीत की गई। उन्होंने कहा, ‘चीन के साथ ऑस्ट्रेलिया रचनात्मक संबंध चाहता है। हम संवाद फिर से शुरू करने के लिए किसी भी वक्त तैयार हैं।’ चीन के साथ बिगड़ते व्यापार और अन्य विवादों में ऑस्ट्रेलिया के साथ खड़े रहने का आह्वान करते हुए ब्लिंकन ने कहा, ‘मैं यह दोहराता हूं कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया को अकेला नहीं छोड़ेगा, खासतौर से चीन की ओर से आर्थिक दबाव के मामले में।’ (भाषा)