संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद फरवरी में कोविड-19 के दुनियाभर में फैलने के बाद से इस महामारी पर पहले प्रस्ताव पर सहमति बनाने की फिर से कोशिश कर रही है। दरअसल अमेरिका और चीन के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के संदर्भ को लेकर चल रहे विवाद के कारण इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पा रही है। फ्रांस और चीन द्वारा संशोधित प्रस्ताव के मसौदे को मंगलवार को मतदान के लिए पेश किया गया और इसके नतीजे बुधवार को आने की संभावना है।
इस प्रस्ताव के मसौदे में महासचिव एंतोनियो गुतारेस की 23 मार्च की उस अपील का समर्थन किया गया है कि इस महामारी से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर युद्ध विराम हो। उन्होंने सीरिया, यमन, लीबिया, दक्षिण सूडान तथा कांगो समेत सभी संघर्ष वाले क्षेत्रों में शत्रुता को फौरन रोकने की मांग की है। इसमें सभी संघर्षरत पक्षों से कम से कम लगातार 90 दिनों के लिए संघर्षविराम की अपील की गई है ताकि मानवीय और चिकित्सीय सहायता अबाधित रूप से मुहैया कराई जा सके।
मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक यह आतंकवादी संगठनों इस्लामिक स्टेट तथा अलकायदा और उनसे संबंधित संगठनों के खिलाफ जारी सैन्य अभियानों पर लागू नहीं होगा। सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को मंजूर करने की निरंतर कोशिशें विश्व स्वास्थ्य संगठन का संदर्भ आने पर बाधित रही हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर रोक लगाते हुए उस पर इस विषाणु को तब रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया जब सबसे पहले यह चीन में सामने आया था।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्होंने डब्ल्यूएचओ पर चीन की करतूतों पर पर्दा डालने का आरोप लगाया। वहीं चीन ने डब्ल्यूएचओे का कड़ा समर्थन किया है और उसने कहा कि कोविड-19 पर वैश्विक कार्रवाई में उसकी भूमिका को प्रस्ताव में शामिल किया जाना चाहिए।