संयुक्त राष्ट्र: भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अंतरराष्ट्रीय विवादों के न्यायिक समाधान को बढ़ावा देने के लिए किसी अन्य माध्यम को चुनने की बजाए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) से ज्यादा से ज्यादा मदद लेनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव/ कानूनी सलाहकार वाई उमाशंकर ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय, राष्ट्रों के बीच विवाद पर निर्णय कर अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बरकरार रखने में अहम भूमिका निभाता है।
उमाशंकर ने कहा, “देश शांतिपूर्ण तरीके से अपने विवाद सुलझाने के लिए बाध्य हैं जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का एक मूलभूत सिद्धांत है। चार्टर का अनुच्छेद 33 इस कर्तव्य को और मजबूत करता है और वे जरिए उपलब्ध कराता है जो विवाद में शामिल पक्ष स्वतंत्र रूप से चुन सकते हैं।” संयुक्त राष्ट्र के चार्टर पर महासभा की छठे समिति सत्र में उमाशंकर ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र चार्टर के छठे चैप्टर के तहत सुरक्षा परिषद को न्यायिक समाधान को बढ़ावा देने के लिए अन्य कोई विकल्प चुनने की बजाए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख बार-बार करना चाहिए।”