संयुक्त राष्ट्र: 20 साल बाद तालिबान के लौटने से अफगानिस्तान में खौफ और दहशत का मंजर दिखाई दे रहा है। हर शहर में अफरातफरी का माहौल है लेकिन काबुल शहर की तस्वीरें बहुत डराने वाली आई हैं। हर जगह तालिबानी लड़ाकों का कब्जा हो चुका है। चारों तरफ लोग डरे हुए हैं और एयरपोर्ट की तरफ भाग रहे हैं। विदेशी दूतावासों से लेकर आम अफगानियों तक में देश छोड़ने की होड़ मची है। एक तरफ विदेशी दूतावासों के लोग अपने देश लौट रहे हैं तो दूसरी तरफ अफगानी लोग भी तालिबान के डर से मुल्क छोड़ने की जद्दोजहद में जुटे हैं। आलम ये है कि लोग काबुल एयरपोर्ट पर खड़े प्लेन में जबरन घुसने की कोशिश कर रहे हैं।
अफगानिस्तान के ताजा हालात पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) भारत की अध्यक्षता में आपात बैठक हो रही है। एक हफ्ते में सुरक्षा परिषद की यह दूसरी बैठक होगी। अफगानिस्तान में लंबे समय से चले आ रहे युद्ध में रविवार को एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब तालिबान के चरमपंथियों ने राजधानी काबुल में प्रवेश कर राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अशरफ गनी को देशी-विदेशी नागरिकों के साथ देश छोड़कर जाना पड़ा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अफगानिस्तान मामले पर बैठक होगी। भारत की अध्यक्षता में 16 अगस्त को अफगानिस्तान पर ब्रीफिंग एवं विचार विमर्श होगा। संरा महासचिव एंतोनियो गुतारेस यूएनएससी को जानकारी देंगे।’’
अगस्त महीने के लिए संरा सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भारत के पास है। इसमें पहले हफ्ते अफगानिस्तान में हालात पर चर्चा हुई थी। अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच दोहा में बातचीत में गतिरोध बना हुआ है। अफगानिस्तान में हालात बदतर हो रहे हैं इस बीच संरा महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने तालिबान एवं अन्य पक्षकारों से अफगानों की जान बचाने और मानवीय सहायता पहुंचाने के मकसद से तालिबान और अन्य सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है। गुतारेस सोमवार सुबह अफगानिस्तान पर परिषद की बैठक को संबोधित करेंगे।
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