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अभी और जलील होगा पाकिस्तान? अब अमेरिकी सांसदों ने की यह मांग

अमेरिकी सांसदों ने एक ऐसी मांग की है, जो पाकिस्तान के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकती है और उसे शर्मसार होना पड़ सकता है...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 28, 2017 20:15 IST
Rex Tillerson | AP Photo- India TV Hindi
Rex Tillerson | AP Photo

वॉशिंगटन: अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर पिछले कुछ महीने पाकिस्तान के लिए ठीक नहीं रहे हैं। इस मुल्क को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर लगातार शर्मसार होना पड़ा है। साथ ही पिछले कुछ समय से अमेरिका के साथ उसके रिश्तों में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अब अमेरिकी सांसदों ने एक ऐसी मांग की है, जो इस देश के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकती है। दरअसल, 6 प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटरों ने अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से मजहबी आजादी के उल्लंघन के मुद्दे पर पाकिस्तान को विशेष चिंता वाले देश के रूप में नामित करने का आग्रह किया है।

रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों के इस समूह में शामिल सीनेटर बॉब मेनेंडेज, मार्को रूबियो, क्रिस कून्स, टॉड यंग, जेफ मर्कले और जेम्स लैंकफोर्ड ने टिलरसन को इस बाबत एक पत्र लिखा है। यह पत्र 13 नवंबर की समयसीमा से पहले लिखा गया है, जब अमेरिकी विदेश मंत्रालय को विशेष चिंता वाला देश (CPC) नामित करने के लिए अमेरिकी संसद को सूचित करना होता है। टिलरसन को लिखे पत्र में सीनेटरों के समूह ने कहा कि वे मानते हैं कि विदेश मंत्रालय को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की सिफारिश पर पाकिस्तान को CPC नामित करना चाहिए।

सीनेटरों ने अपने पत्र में कहा कि पाकिस्तान की सरकार धार्मिक आजादी का संस्थाबद्ध भीषण उल्लंघन कर रही है और उसे बर्दाश्त कर रही है। ईशनिंदा एवं अहमदिया समुदाय के खिलाफ कानूनों समेत भेदभावपूर्ण संवैधानिक प्रावधानों और कानूनों से आस्था के चलते लोगों को अनुचित अभियोजन एवं कैद से गुजरना पड़ रहा है। पत्र में कहा गया है, ‘अभी कम से कम 40 लोगों को ईशनिंदा के लिए सजा-ए-मौत सुनाई गई है या वे उम्रकैद की सजा भुगत रहे हैं। ईसाई, हिंदू, अहमदिया और शिया मुसलमानों समेत अल्पसंख्यकों को आतंकवादी समूहों एवं तत्वों के हाथों धार्मिक आस्थाओं से प्रेरित हिंसा का भी सामना करना पड़ रहा है।’

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