वॉशिंगटन: अमेरिका ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने ये प्रतिबंध इस आधार पर लगाए हैं कि जरीफ ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ईरान के सर्वोच्च नेता की ओर से या उनके लिए काम किया या ऐसा करने का इरादा रखा। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा, ‘यह ईरानी लोगों का दमन करने और आतंकवाद को सक्षम बनाने वाले संसाधनों से ईरानी सत्ता को वंचित रखने की ओर एक और कदम है।’
उन्होंने कहा कि ईरान के कीमती संसाधनों को ईरान के लोगों के लिए निवेश करने के बजाए ईरानी शासन आतंकवाद को बढ़ावा देता है, निर्दोष ईरानियों को जेल भेजता है और उनका उत्पीड़न करता है, सीरिया और यमन में संघर्षों को हवा देता है और उसने हालिया सप्ताह में अपने परमाणु कार्यक्रम को भी विस्तार दिया है। पोम्पिओ ने आरोप लगाया कि ईरानी विदेशी मंत्री इस्लामी गणराज्य के ना केवल राजनयिक माध्यम हैं बल्कि वे सर्वोच्च नेता की अस्थिर करने वाली कई नीतियों को आगे ले जाने वाले साधन भी हैं। उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्री जरीफ इन हानिकारक गतिविधियों में कई वर्षों से शामिल हैं।’
पोम्पिओ ने कहा, ‘विदेश मंत्री जरीफ और उनका विदेश मंत्रालय सर्वोच्च नेता और उनके कार्यालय से निर्देश लेता है। विदेश मंत्री जरीफ पूरे क्षेत्र और दुनिया भर में अयातुल्ला खामेनेई की नीतियों के प्रमुख प्रवर्तक हैं। जवाद जरीफ का ओहदा आज इस वास्तविकता को दर्शाता है।’ प्रतिबंधों के तहत अमेरिका में उनकी सभी संपत्तियां सील हो जाएंगी। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि अमेरिका में जरीफ की कोई सम्पत्ति है या नहीं। वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन ने कहा कि कोई भी विदेशी वित्तीय संस्थान जो जानबूझकर जरीफ की ओर से या उसके लिए महत्वपूर्ण लेन-देन करता है या उसमें मदद करता है, वह भी अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में आएगा।