वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद में दखल देते हुए कहा है कि अगर दोनों देश राजी हों तो वह मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि लद्दाख में दोनों देशों के बीच स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई, जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच 5 मई को झड़प हुई और इस घटना में भारतीय और चीनी पक्ष के 100 सैनिक घायल हो गए थे। इस घटना पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। 9 मई को उत्तरी सिक्किम में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी।
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि हमनें भारत और चीन दोनों को सूचित किया है कि अमेरिका दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने में मध्यस्थता के लिए तैयार है, इच्छुक है और सक्षम है। यदि दोनों देश इस बात के लिए राजी हों तो हम ऐसा कर सकते हैं। धन्यवाद।
विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नरेंद्र मोदी के भारत को कोई भी आंख नहीं दिखा सकता है। उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच तनाव बढ़ने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की थी। समझा जाता है कि इस बैठक में बाह्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की सैन्य तैयारियों को मजबूत बनाने पर चर्चा की गई।
पैंगोंग झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पिछले करीब 20 दिनों से भारत और चीन के सैनिक आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कल बताया था कि भारत, चीन से लगने वाली 3500 किलोमीटर की सीमा पर सामरिक क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास की परियोजनाओं को नहीं रोकेगा और चीन के इन्हें रोकने के किसी तरह के दबाव में नहीं आएगा।
चीन ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ सीमा पर हालात पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण-योग्य हैं तथा दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार माध्यम हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये टिप्पणियां कीं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीमा से संबंधित मुद्दों पर चीन का रुख स्पष्ट और सुसंगत है। उन्होंने कहा हम दोनों नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति और दोनों देशों के बीच हुए समझौते का सख्ती से पालन करते रहे हैं।