वॉशिंगटन: असम एनआरसी को लेकर भारतीय सियासत में पिछले कुछ दिनों से तो उबाल आया ही हुआ है, सात समुंदर पार अमेरिका में भी यह मुद्दा उठाया जा रहा है। भारतीय मूल के अमेरिकी मुस्लिमों के एक समूह ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को तत्काल खारिज करने की मांग की है। इस समूह का कहना है कि जब तक असम NRC में बरती गई कथित अनियमितताओं को दूर नहीं किया जाता है तब तक के लिए उसे खारिज कर दिया जाए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, समूह ने कहा है कि अनियमितताओं के कारण ही एनआरसी लिस्ट में चालीस लाख लोगों को शामिल नहीं किया जा सका है। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में कहा, ‘असम में मताधिकार से वंचित रहने वालों में सबसे ज्यादा वहां निवास करने वाला बांग्ला भाषी मुस्लिम समुदाय प्रभावित हुआ है जिसपर घुसपैठिया होने का आरोप लगाया जाता है जबकि समुदाय के लोग भारतीय नागरिक हैं।’
संगठन ने कहा कि नागरिकता खोने के खतरे का सामना करने वालों में भारत के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के रिश्तेदार भी शामिल हैं। IAMC के प्रेसिडेंट अहसान खान ने कहा, ‘दरअसल, यह लोकतंत्र को नष्ट करने की कवायद है और साफतौर से यह पक्षपात और भेदभावपूर्ण एजेंडा है, जिसके कारण भारत के पूर्व राष्ट्रपति के रिश्तेदारों को पंजी से अलग रखा गया है।’ आपको बता दें कि असम एनआरसी लिस्ट को लेकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने केंद्र के प्रति आक्रामक रुख अख्तियार किया हुआ है।