नई दिल्ली: अमेरिका के विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों, सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज किए जाने और मध्य प्रदेश में 8 संदिग्ध सिमी कार्यकर्ताओं को मुठभेड़ में मार गिराए जाने को लेकर भारत सरकार की आलोचना की गई है।
देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
ह्यूमन राइट्स प्रैटिक्टिसेज इन इंडिया 2016 शीर्षक रिपोर्ट में गैर-सरकारी संगठनों के विदेशी वित्त पोषण पर रोक, महिलाओं के खतना और दहेज से जुड़ी मौतों को देश की मानवाधिकार समस्याओं के तौर पर उद्धृत किया गया है। इसमें वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के लॉयर्स कलेक्टिव और अमेरिका के कम्पैशन इंटरनेशनल के दो प्राथमिक साझीदारों समेत 25 एनजीओ को विदेशी वित्त पोषण प्राप्त करने की सरकारी मंजूरी के नवीनीकरण को नामंजूर किए जाने का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार कई स्वैच्छिक संगठनों ने कहा है कि इस तरह की कार्रवाईयों से भारत में सेवाएं जारी रखने की उनकी क्षमता को लेकर खतरा पैदा हो गया है।
इन्हें भी पढ़ें:
- India TV के स्टिंग में खुलासा, यूपी के 2 बड़े मीट निर्यातक चोरी छिपे बेच रहे हैं गोमांस
- पूर्व सपा प्रवक्ता गौरव भाटिया BJP में शामिल, PM के काम की सराहना की
- शराबबंदी: SC के आदेश के बाद हाईवे किनारे स्थित सैकड़ों होटल-बार बंद
रिपोर्ट में चंदा देने वालों के धन के दुरुपयोग के मामले में सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनन्द और अन्य के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाना मानवाधिकार के कथित उल्लंघनों की अंतरराष्ट्रीय और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जांच को लेकर सरकारी रवैये को दिखलाता है। इस रिपोर्ट में भोपाल केंद्रीय कारा से भागने के बाद प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मुवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के 8 संदिग्ध सदस्यों को एक पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए जाने की घटना को ‘ऑर्बिटरी डिप्रिवेशन ऑफ लाइफ ऐंड अदर अनलॉफुल ऑर पॉलिटकली मॉटिवेटेड किलिंग्स’ शीर्षक उपखण्ड में शामिल किया गया है।
इन्हें भी पढ़ें:
- दुबई: बुर्ज खलीफा के पास बिल्डिंग में लगी आग, छाया धुएं का गुबार
- 20 हज़ार से कम आबादी वाले क्षेत्रों में 220 मीटर के दायरे में शराब ठेकों पर बैन
- पढ़ें, इन 10 भारतीय शहरों पर सबसे ज्यादा है गर्मी का कहर
इसके अलावा मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में कथित अनियमितताओं से जुड़े व्यापम घोटाले का भी जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट में इसे भ्रष्टाचार और सरकार में पारदर्शिता के अभाव के तौर पर बताया गया है।