संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के उपराजदूत का कहना है कि अमेरिका की सैन्य कार्रवाई और पाबंदियों की धमकी देकर उसके परमाणु हथियार कार्यक्रम को त्यागने पर मजबूर करने की कोशिश दूर की कौड़ी साबित होगी। किम इन रयॉन्ग ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर कोरिया का परमाणु हथियार कार्यक्रम कभी भी राजनीतिक मोलभाव और आर्थिक सौदों का हिस्सा नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (DPRK) पहले ही यह ऐलान कर चुका है कि वह ऐसी किसी भी वार्ता में शामिल नहीं होगा जिसमें उसके परमाणु परित्याग और परमाणु विघटन पर चर्चा होगी। डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया, उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम है। किम ने दोहराया कि उनके देश की लंबे समय से दलील रही है कि उनका परमाणु कार्यक्रम उत्तर कोरिया औेर अमेरिका की शत्रुतापूर्ण नीति का नतीजा है। उन्होंने कहा कि इसलिए कोई भी हल तभी संभव होगा जब अमेरिका शत्रुतापूर्ण नीति को पहले वापस ले।
किम ने साफ तौर पर उत्तर कोरिया के परमाणु मुद्दे पर कल की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को परिषद के अधिकार का दुरूपयोग कह कर खारिज कर दिया जो अमेरिका के निर्देश पर काम कर रहा है जिसके पास वीटो की शक्ति है। उत्तर कोरिया ने उस बैठक में भी हिस्सा लेने से इनकार कर दिया।