वॉशिंगटन: हाल के दिनों में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में कड़वाहट देखने को मिली है, लेकिन ट्रंप प्रशासन के ताजा बयान से इस्लामाबाद को राहत महसूस हो रही होगी। ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि वह दृढ़ता से पाकिस्तान की क्षेत्रीय एकता का समर्थन करता है। अमेरिका ने कहा है कि वह पाकिस्तान के लिए खतरा पैदा करने वाले बलूच उग्रवाद या किसी भी अन्य समूह का समर्थन नहीं करता। बलूचिस्तान पर अमेरिका का यह बयान निश्चित तौर पर पाकिस्तान के लिए काफी मायने रखता है।
इससे एक दिन पहले अमेरिका ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के नेता मौलाना फजुल्लाह की गिरफ्तारी में मदद देने वाली सूचना मुहैया कराने वाले को 50 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 32.5 करोड़ रुपये) का इनाम देने की घोषणा की है। यह आतंकवादी संगठन पाकिस्तान के भीतर आतंकी हमले करता है। वर्ष 2012 में फजलुल्लाह ने पाकिस्तानी स्कूल छात्रा और सामाजिक कार्यकर्ता मलाला युसुफजई के अपहरण का आदेश दिया थ, हालांकि यह साजिश नाकाम हो गई थी। मलाला ने TTP और फजलुल्लाह की खुलेआम आलोचना की थी और लड़कियों की शिक्षा के अधिकार का प्रचार किया था।
नवंबर 2013 में TTP के केंद्रीय शूरा काउंसिल द्वारा नियुक्त किए जाने के बाद से फजलुल्लाह ने पाकिस्तानी हितों के खिलाफ कई हमले करवाए और अमेरिका पर समूह के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने के खुलेआम आरोप लगाए। दिसंबर 2014 में फजलुल्लाह के साथियों ने पाकिस्तानी इतिहास के सबसे घातक आंतकवादी घटना को अंजाम दिया जब आतंकवादियों ने पाकिस्तान के पेशावर में एक आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला किया। इस घटना में 130 से ज्यादा बच्चों समेत 151 लोग मारे गए थे।
‘न्याय के लिए इनाम’ कार्यक्रम के तहत अमेरिका ने जमात उल-अहररा (JUA) अब्दुल वली और लश्कर-ए-इस्लामनेत मंगल बाग की गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना मुहैया कराने वाले को 30-30 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 19.5 करोड़ रुपये) देने की घोषणा की है। दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए विदेश विभाग की वरिष्ठ अधिकारी एलिस वेल्स ने वॉशिंगटन में कहा, ‘हम पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करते हैं। हम बलूच उग्रवादियों या अन्य संगठनों द्वारा पाकिस्तान की अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वालों का समर्थन नहीं करते हैं।’