वॉशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में चीन के प्रॉपेगैंडा का मुकाबला करने के लिए एक बिल पेश किया गया है। इस बिल में चीन की सरकार द्वारा समर्थित दुष्प्रचार तंत्र के खिलाफ एक नया प्रतिबंध प्राधिकरण बनाने का प्रावधान है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से अमेरिका और चीन के बीच रिश्ते काफी तनावपूर्ण रहे हैं और दोनों देशों के नेताओं में जुबानी जंग भी होती रही है। वहीं, व्यापार के मोर्चे पर भी दोनों देशों के रिश्ते बद से बदतर होते गए हैं और ट्रंप के समय शुरू हुई ‘ट्रेड वॉर’ से अभी भी कुछ खास राहत मिलती दिख नहीं रही है।
बुधवार को कांग्रेस में पेश हुआ विधेयक
रिपब्लिकन अध्ययन समिति के अध्यक्ष एवं सांसद जिम बैंक्स और सीनेटर टॉम कॉटन ने बुधवर को चीनी दुष्प्रचार निरोधक विधेयक पेश किया। इस विधयेक की जांच अमेरिकी विदेश मंत्री करेंगे ताकि यह पता लगा सके कि क्या नया प्राधिकार यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाया जा सकता है या नहीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस विधेयक को रिपब्लिक पार्टी की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति पर गठित अध्ययन समिति की अनुशंसा पर तैयार किया गया है और यह यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट (UFWD) पर प्रतिबंध का अधिकार देता है।
‘अमेरिका में सरकार बदल गई है लेकिन...’
बता दें कि UFWD चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की विदेश में प्रभाव डालने के लिए बनाई गई शाखा है। बैंक्स ने कहा, ‘यूनाइटेड फ्रंट सीधे तौर पर उइगर जनसंहार और चीन में ईसाई समुदाय के दमन में शामिल है लेकिन उसका अंतिम लक्ष्य इस दमन की नीति को पूरे विश्व में फैलाना है। वॉशिंगटन में नेतृत्व भले बदल गया है लेकिन चीन की राजनीतिक युद्धनीति नहीं बदली है। कांग्रेस पर यह जिम्मेदारी आ गई है कि वह कम्युनिस्ट पार्टी के दुष्प्रचार को उजागर करे और उसका मुकाबला करे। हम शांत नहीं बैठ सकते हैं।’