संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में अमेरिका द्वारा मान्यता दिए जाने को अस्वीकार करने वाले एक प्रस्ताव पर गुरुवार को मतदान करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने वाले देशों को अनुदान में कटौती की धमकी दी है। एक आपात सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासभा इस बात के मसविदा प्रस्ताव पर निर्णय करेगी कि जेरुसलम एक ऐसा मुद्दा है जिसे वार्ता के माध्यम से हल किया जाना चाहिए तथा उसके दर्जे पर किसी भी फैसले की कोई कानूनी प्रभाव नहीं है एवं उसे रद्द किया जाए।
सुरक्षा परिषद में सोमवार को अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था, जबकि बाकी अन्य सभी 14 सदस्य उसके पक्ष में वोट डाला था। उसके बाद उसे महासभा में भेजा गया हैं। पवित्र नगरी जेरुसलम का दर्जा इस्राइल -फिलीस्तीन संघर्ष के सबसे अधिक विवादास्पद विषयों में एक है। दोनों पक्ष उसे अपनी अपनी राजधानी होने का दावा करते हैं। इस शहर को 6 दिसंबर को ट्रंप द्वारा इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने का फैसला अंतर्राष्ट्रीय सहमति से भिन्न है। मुस्लिम देशों में अमेरिकी फैसले के विरुद्ध जबर्दस्त प्रदर्शन शुरू हो गया और कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की।
वहीं, इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अमेरिका की इस बात पर कड़ी नजर होगी कि मतदान में विभिन्न देशों का क्या रुख होता है। उसका समर्थन करने वालों से बदला लिया जा सकता है। अरब और मुस्लिम देशों की ओर से यमन और तुर्की ने यह प्रस्ताव रखा है।