न्यूयॉर्क: भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए संबोधन के दौरान लगाए गए आरोपों का करारा जवाब दिया है। ‘राइट टू रिप्लाई’ के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र मिशन में भारत की दूत एनम गंभीर ने महासभा को ‘नए पाकिस्तान’ की सच्ची तस्वीर पेश करते हुए कुरैशी को आरोपों को मजबूती से नकार दिया। गंभीर ने कहा कि पाकिस्तान भले ही कहे कि उसने आतंकवाद पर नकेल कस दी है, लेकिन सच्चाई यही है कि आतंकी आज भी वहां खुले में घूम रहे हैं और लोगों को चुनाव तक लड़वा रहे हैं।
गंभीर ने कहा, ‘हम पाकिस्तान की नई सरकार से साफ-साफ कहना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और बना रहेगा। हम पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने आतंकवाद पर नकेल कसी है, आइए इसकी सच्चाई भी देख लेते हैं। क्या पाकिस्तान इस सच्चाई को नकार सकता है कि वह अपने यहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी सूची में शामिल 132 आतंकियों और 22 आतंकी संगठनों को अपने यहां पनाह दिए हुए है? क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार करेगा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी हाफिज सईद पाकिस्तान में खुलेआम घूमता है, जहर उगलता है और चुनावों में उम्मीदवार खड़े करता है? ’
संयुक्त राष्ट्र महासभा में गंभीर ने कहा कि हमने यह भी देखा है कि 'नया पाकिस्तान' मानवाधिकार के बारे में बात करता है। उन्होंने कहा, 'मानवाधिकार पर पाकिस्तान की ये बातें भी खोखली हैं। प्रिंसटन के अर्थशास्त्री आतिफ मियां के उदाहरण से इस बात को समझा जा सकता है। उन्हें इकनॉमिक अडवाइजरी काउंसिल से सिर्फ इसलिए हटा दिया गया क्योंकि वह 'अल्पसंख्यक' समुदाय से ताल्लुक रखते थे। दुनियाभर को उपदेश देने से पहले खुद के घर से ही मानवाधिकार की शुरुआत करनी चाहिए।' भारत ने इसके अलावा कुरैशी के कई बयानों पर भी करारा जवाब दिया।
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