संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि बांग्लादेश के कॉक्स बाजार स्थित भीड़-भाड़ वाले शिविरों में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को बरसात के पहले ही बाढ़ से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की आवश्यकता है। म्यांमार में हिंसा के बाद ये रोहिंग्या पलायन कर बांग्लादेश आ गए थे। जहां वे रह रहे हैं, वह बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्र हैं। उन्होंने बताया, ‘कॉक्स बाजार के संबंध में मॉनसून सबसे बड़ी चिंता है। हमारा मानना है कि करीब 1,50,000 लोग ऐसे इलाकों में रह रहे हैं जो बाढ़ संभावित क्षेत्र हैं या जिन पर मॉनसून का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह लोगों पर खतरनाक असर डाल सकता है।’
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख रोहिंग्या शरणार्थियों को किसी और जगह रखने की आवश्यकता पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। ये शरणार्थी फिलहाल बांग्लादेश में कॉक्स बाजार के सीमावर्ती शहर में बने शिविरों में रह रहे हैं। गुतारेस ने कहा कि इन लोगों को किसी और जगह रखने के बारे में उन्हें बांग्लादेश सरकार के साथ चर्चा करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा, ‘और मुझे लगता है कि इन लोगों को किसी और जगह रखने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि इन्हें किसी ऊंचाई वाली जगह पर रखा जाए जो बाहरी क्षेत्र भी हो सकते हैं। इन समूहों को रहने के लिए जो जगह उपलब्ध कराई गई है वह मॉनसून के लिहाज से उपयुक्त नहीं हैं।’
उन्होंने कहा कि वहां काम कर रहे संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन और अन्य एजेंसियों के अधिकारी इस मुद्दे पर बांग्लादेश के प्राधिकारियों से बात करेंगे। उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि इस प्रकार के स्थानांतरण के लिए ऊंची जगह सबसे उपयुक्त है।’ यह पूछे जाने पर कि म्यांमार पर अब तक उन्होंने विशेष सलाहकार क्यों नहीं नियुक्त किया, इस पर गुतारेस ने कहा कि इस नियुक्ति के लिए वह कई लोगों से सलाह ले रहे हैं। जाने-माने भारतीय राजनयिक विजय नाम्बियार 2010 से2016 तक म्यांमार पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के विशेष सलाहकार के तौर पर सेवा दे चुके हैं। गुतारेस ने अब तक उनकी जगह किसी को नियुक्त नहीं किया है।