संयुक्त राष्ट्र: प्रेस की अभिव्यक्ति की सुरक्षा के लिए काम करने वाली, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनेस्को ने पाकिस्तान के क्वेटा क्षेत्र में हाल ही में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। इस हमले में दो पत्रकारों समेत 70 से ज्यादा लोग मारे गए थे। यूनेस्को ने कहा है कि नागरिकों के खिलाफ हिंसा को उचित नहीं ठहराया जा सकता। संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की महानिदेशक इरीना बोकोवा ने कहा, नागरिकों को निशाना बनाने वाली हिंसा को उचित नहीं ठहराया जा सकता।
बोकोवा ने कहा, क्वेटा में हुए क्रूर आतंकी हमले में इन मीडिया पेशेवरों की जान जाने से नागरिकों की जागरूक बहस को जारी रखने की क्षमता कमजोर हुई है। यह बहस ही सुशासन और वार्ता की नींव है। डॉन न्यूज के कैमरामैन महमूद खान और आज टीवी के कैमरामैन शहजाद अहमद शोकाकुल लोगों की भीड़ में किए गए बम विस्फोट के समय रिपोर्टिंग कर रहे थे। ये शोकाकुल लोग बलूचिस्तान बार असोसिएशन के अध्यक्ष बिलाल अनवर कासी की हत्या पर शोक जताने के लिए जुटे थे। विस्फोट में घायल शहजाद की मौत मौके पर ही हो गई थी जबकि महमूद की मौत अस्पताल में हो गई थी।
दुनिया न्यूज के लिए काम करने वाला तीसरा पत्रकार फरीदुल्ला विस्फोट में घायल हुआ है। मृतकों में ज्यादातर वकील थे जो अपने सहयोगी के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए अस्पताल के एक आपात कक्ष में एकत्र हुए थे। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने भी हमले की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि शोकाकुल लोगों को निशाना बनाना विशेष तौर पर निम्न स्तरीय है।