संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में, सीरियाई शहर अलेप्पो से लोगों को सुरक्षित निकाले जाने की निगरानी करने और और नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए पर्यवेक्षकों को वहां भेजने के फ्रांस के प्रस्ताव पर आज मतदान होगा। रूस ने लोगों को सुरक्षित निकाले जाने की निगरानी करने और और नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए पर्यवेक्षकों को अलेप्पो भेजने के संबंध में फ्रंास के पहले प्रस्ताव के खिलाफ अपने वीटो के अधिकार के इस्तेमाल करने की धमकी दी थी।
बहरहाल, कल करीब चार घंटे तक चले विचार-विमर्श के बाद एक नए निकासी समझौते पर सहमति बन गई। रूस के राजदूत विताली चुरकिन ने संवाददाताओं को बताया कि कुछ घंटे तक हुआ विचारविमर्श बहुत सार्थक रहा और मुझे लगता है कि हमें इसके नतीजे भी अच्छे मिले हैं । फ्रांसीसी राजदूत फ्रांस्वा देलात्रे ने घोषणा की कि परिषद में आपसी सहमति बन गई है जबकि अमेरिकी राजदूत सामन्था पावर ने सुबह नौ बजे (स्थानीय समयानुसार) परिषद के सभी सदस्यों के सर्वसम्मति से मत डालने की उम्मीद जताई है।
पूर्व में मतदान कल किया जाना था लेकिन संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के अलेप्पो भेजे जाने के संबंध में अंतिम मसौदा तैयार करने के लिए रूस के प्रतिनिधिमंडल को मॉस्को के साथ विचार-विमर्श करने का समय दिए जाने के बाद इसे एक दिन की खातिर टाल दिया गया । नए निकासी प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र सचिव बान की मून से आह्वान किया गया है कि वह सीरियाई प्राधिकारियों और विद्रोहियों से विचार-विमर्श कर उनसे नागरिकों के कल्याण के लिए विश्व संस्था को निगरानी की अनुमति दें और इसके लिए आवश्यक प्रबंध करें। मॉस्को ने अपना खुद का एक प्रस्ताव पेश किया है जिसमें संयुक्त राष्ट्र से स्थिति की निगरानी करने के लिए प्रबंध करने का अनुरोध किया गया है लेकिन पर्यवेक्षकों को वहां भेजने संबंधी कोई विशेष उल्लेख नहीं किया गया है।
फ्रांस और अमेरिका का कहना है कि रूस के प्रस्तावों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए नए मसौदे में मामूली बदलाव ही हैं। समान्था पावर ने कहा, प्रस्ताव में उन सभी प्रावधानों को बरकरार रखा गया है जो संयुक्त राष्ट्र के 100 से अधिक सदस्यों के आईसीआरसी और सीरियाई रेड क्रीसेंट के साथ एक दल बनाने और वहां निगरानी करने की अनुमति देते हैं। फ्रांसीसी राजदूत फ्रांस्वा देलात्रे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति की वजह से अलेप्पो को दूसरा स्रेब्रेनिका बनने से रोकने में मदद मिलेगी। से्रब्रेनिका में बाल्कन युद्ध के दौरान 1995 में बोस्नियाई सर्ब बलों ने कब्जा कर लिया था और नरसंहार में हजारों बोसनियाई लोगों को मार डाला गया था।
देलात्रे ने एएफपी को बताया, इस प्रस्ताव के तहत हमारा लक्ष्य सैन्य अभियानों के तुरंत बाद, इस चरण में अलेप्पो को दूसरा से्रबे्रनिका बनने से रोकना है। मसौदा प्रस्ताव में मांग की गई है कि जुलाई से विद्रोही बलों के कब्जे वाले अलेप्पो शहर में सभी पक्षों को तत्काल, बिना शर्त, सुरक्षित और निर्बाध पहुंच की अनुमति दी जाए ताकि वहां मानवीय सहायता पहुंचाई जा सके।