संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में भारत और चीन की नेतृत्वकारी भूमिका और मजबूत प्रतिबद्धता की सराहना की है। वहीं दूसरे देशों के बारे में संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अन्य देश इस कोशिश में नाकाम हो रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतारेस ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक बहुत ठोस प्रतिबद्धता है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि अफ्रीकी राष्ट्र मौसम के पैटर्न में वैश्विक रूप से हो रहे बदलाव के सबसे बड़े पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा कि यह उनके लिए स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावितों में G77 के सदस्य देश हैं। गुतारेस ने कहा, ‘मुख्य रूप से अफ्रीकी देश सूख से प्रभावित हुए हैं। वहीं छोटे द्वीपीय देश चक्रवाती तूफानों से प्रभावित हुए हैं। हमने जल स्तर (समुद्री) में बढ़ोतरी भी देखी है। लेकिन ठीक इसी समय भारत और चीन जैसी दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इस मुद्दे पर दृढ़प्रतिज्ञ दिखाई देती हैं।’
गुतारेस ने कहा कि ऐसे वक्त में जब अन्य देश जलवायु परिर्तन से लड़ने में नाकाम हो रहे हैं, उन्होंने देखा कि G77 देश की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और चीन नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है। G77 संयुक्त राष्ट्र में विकासशील देशों का सबसे बड़ा अंतर सरकारी संगठन है। भारत सहित इसके 134 सदस्य देश हैं। इस संगठन की स्थापना 15 जून 1964 को की गई थी। भारत 2016 में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर पेरिस समझौते में शामिल हुआ था।