संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान में दाऊद इब्राहीम की मौजूदगी को लेकर भारत के सतत रूख को उस वक्त संयुक्त राष्ट्र का वस्तुत: समर्थन मिल गया जब इस विश्व निकाय ने भारत के इस पड़ोसी देश में अंडरवर्ल्ड डॉन के छह पतों की स्पष्ट रूप से पुष्टि की। संयुक्त राष्ट्र की आईएसआईएल एवं अलकायदा प्रतिबंध समिति की सूची में दाऊद के कई पासपोर्टों के बारे में सूचना शामिल है। इन पासपोर्टो में पाकिस्तान में जारी पासपोर्ट भी हैं। भारत ने अपनी ओर से सौंपे गए डोजियर में नौ पतों का उल्लेख किया है जो 1993 के मुंबई बम धमाकों के मास्टरमाइंड दाऊद से संबंधित हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आईएसआईएल एवं अलकायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को अपनी दाऊद से संबंधित सूची में संशोधन किया। भारत की ओर से प्रदान किए गए छह पतों में संशोधन नहीं हुआ, हालांकि तीन पतों को हटाया गया है। सूची में से जो पते हटाए जा रहे हैं, उनमें से एक पता संयुक्त राष्ट्र में इस्लामाबाद की दूत मलीहा लोधी के आवास का है। उसने ने कहा कि 22 अगस्त, 2016 को सुरक्षा परिषद की समिति ने प्रस्तावों- 1267 (1999), 1989 (2011) और 2253 (2015) पर कदम उठाते हुए आईएसआईएल एवं अलकायदा प्रतिबंध सूची में दाऊद को लेकर संशोधन किए। इस सूची में शामिल व्यक्तियों एवं इकाइयों की संपत्तियों, यात्राओं और शस्त्र संबंधी रोक होती है।
समिति ने सूची में शामिल दाऊद के पतों- कराची (व्हाइट हाउस, सउदी मस्जिद के निकट, क्लिफटन), मकान संख्या 37, 30 स्ट्रीट- डिफेंस, हाउसिंग अथारिटी, कराची और पैलेशियल बंग्लो (नूराबाद, कराची)- में संशोधन नहीं किया है। भारत की ओर से उपलब्ध करवाए गए छह अन्य पतों को संशोधित नहीं किया गया है। भारत ने एक डोजियर में इन नौ पतों का उल्लेख करते हुए कहा था कि दाऊद इन स्थानों पर अक्सर आता है। इस संशोधन के बारे में पूछे जाने पर भारत के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सूचीबद्ध जानकारी में दाऊद का एक पता गलत था। यह पता राजदूत मलीहा लोधी का था, दाऊद का नहीं।
समिति की सूची में उसके विभिन्न पासपोर्टों की जानकारी भी दर्ज है। इनमें वे पासपोर्ट भी हैं, जो पाकिस्तान में जारी किए गए। समिति की सूची के अनुसार दाऊद को 18 अगस्त 1985 को एक पासपोर्ट (ए717288) दुबई में जारी किया गया। एक पासपोर्ट (जी 866537) रावलपिंडी में 12 अगस्त 1991 में जारी किया गया। इसमें इन दो पासपोर्टों के गलत इस्तेमाल का जिक्र किया गया। दाऊद को जुलाई 1996 में कराची में पासपोर्ट संख्या सी-267185 और जुलाई 2001 में रावलपिंडी में भी पासपोर्ट संख्या एच-123259 जारी की गई।
भारत की ओर से पिछले साल अगस्त में तैयार किए गए डोजियर में पाकिस्तान में दाऊद के नौ पते शामिल किए गए थे। ये इस बात का सबूत हैं कि दाऊद पाकिस्तान में छिपा हुआ है। इस्लामाबाद लगातार इस बात से इंकार करता रहा है कि दाऊद पाकिस्तान में रहता है। पाकिस्तान में दाऊद के आवासों की जानकारी दो साल पहले बनाए गए उस डोजियर में है, जिसे पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज और उनके भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के बीच वार्ता के दौरान सौंपा जाना था। यह वार्ता बाद में रद्द हो गई थी। इस डोजियर में एक पता उस मकान का था, जो दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी के कराची स्थित घर के पास था। डोजियर में कहा गया था, दाऊद को पाकिस्तान में अपने ठिकाने और पते तेजी से बदलने के लिए जाना जाता है। उसने पाकिस्तान में अकूत संपत्ति जुटाई है और वह पाकिस्तानी एजेंसियों की सुरक्षा में आता-जाता है।
समिति ने जो एक और संशोधन किया है, वह दाऊद के परिवार से जुड़ा हैं। परिवार से जुड़ी जो सूचना सूची में रेखांकित की गई है, वह है- पिता का नाम शेख इब्राहीम अली कासकर है, मां का नाम अमीना बी, पत्नी का नाम महजबीं शेख है। दाऊद को तीन नवंबर 2003 में सूचीबद्ध किया गया था। उससे जुड़ी जानकारी को मार्च और जुलाई 2006 में, जुलाई 2007 में और मार्च 2010 में संशोधित किया गया। संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए दाऊद की संपत्ति कुर्क है, उसकी यात्राओं पर प्रतिबंध है। संशोधन के दौरान दाऊद के जन्मस्थान के रूप में दर्ज बंबई को काटकर महाराष्ट्र के रत्नागिरी स्थित खेर किया गया। इसमें उसके दूसरे नामों के रूप में शेख फारूकी, बड़ा सेठ, बड़ा भाई, इकबाद भाई, मुच्छड़ और हाजी साहब दर्ज हैं। दाऊद वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में भारत में वांछित है। इन हमलों में 257 लोग मारे गए थे और लगभग एक हजार लोग घायल हुए थे। वह अन्य आतंकी हमलों का भी मास्टर माइंड बताया जाता है और वह धनशोधन एवं रंगदारी का भी आरोपी है।