संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कश्मीर की स्थिति पर अपनी चिंता और नागरिकों की रक्षा के लिए अपने आह्वान को दोहराया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक ब्रीफिंग में गुरुवार को कहा, ‘महासचिव ने इस स्थिति में अपनी चिंता व्यक्त की है और वह इसे जारी रखेंगे। मुझे लगता है कि हमने इस सप्ताह के प्रारंभ में इस मुद्दे पर बात कर सभी पक्षों को नागरिकों की रक्षा की जरूरत के बारे में याद दिलाया था।’
उन्होंने कहा कि अगर सदस्य देशों के बीच में किसी मुद्दे पर मतभेद हैं तो उन मतभेदों को पाटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के अच्छे विभाग उपलब्ध हैं, लेकिन वे केवल तभी काम कर पाएंगे, जब दोनों पक्ष इसके लिए तैयार हों और इसके लिए पूरी तरह से खुले हों। इस टिप्पणी के दौरान हालांकि वह विशेष तौर पर कश्मीर के मुद्दे पर बात नहीं कर रहे थे। भारत का तथ्य है कि पाकिस्तान के साथ उसके विवाद द्विपक्षीय मुद्दे हैं, जिन्हें तीसरे पक्ष की भागीदारी के बिना उनके द्वारा प्रत्यक्ष तौर पर सुलझाया जाना आवश्यक है।
नई दिल्ली का मानना है कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच 1972 में हुए शिमला समझौते में पाकिस्तान ने इस बात को स्वीकार किया है। जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले में रविवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच संघर्ष के दौरान चार नागरिकों की मौत हो जाने के बाद इस सप्ताह कश्मीर में अस्थिरता की स्थिति है। वहीं, मंगलवार को नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तानी गोलीबारी में एक भारतीय जवान शहीद हो गया और एक लेफ्टिनेंट सहित 4 सैनिक घायल हो गए थे।