संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने शुक्रवार को म्यांमार में सजा भुगत रहे रॉयटर्स के 2 पत्रकारों को माफ करने की अपील की। गुतारेस ने कहा कि उन्हें आशा है कि म्यांमार की सरकार न्यूज एजेंसी के दोनों पत्रकारों को माफ कर देगी। इस पत्रकारों को 7 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। इन पत्रकारों को म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई की रिपोर्टिंग करने को लेकर यह सजा सुनाई गई है।
गुतारेस ने कहा कि म्यांमार में पत्रकार के तौर पर काम करने को लेकर वा लोन (32) और क्याव सो ओ (28) को जेल में रखना स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कहा, ‘इस बारे में मुझे पूरा यकीन है कि यह नहीं होना चाहिए था और मुझे आशा है कि उनकी रिहाई का लेकर सरकार यथासंभव उन्हें माफ कर देगी।’ पत्रकारों ने खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि वे पुलिस द्वारा फंसाए गए हैं। 32 वर्षीय लोन ने अदालत द्वारा सजा मिलने के बाद कहा था, ‘मुझे कोई डर नहीं है। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मैं न्याय, लोकतंत्र और आजादी में विश्वास करता हूं।’
गौरतलब है कि म्यांमार की नेता आंग सान सू की ने पिछले हफ्ते कहा था कि दोनों पत्रकारों को उनके काम की वजह से जेल नहीं भेजा गया, बल्कि सरकारी गोपनीयता कानून तोड़ने की वजह से अदालत ने उनके खिलाफ यह फैसला सुनाया है। सेना द्वारा रखाइन राज्य में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की जांच करते हुए म्यांमार के आधिकारिक 'सीक्रेट्स एक्ट' का उल्लंघन करने के आरोप में इन दोनों पत्रकारों पर 2017 से मुकदमा चल रहा था।