वेनेजुएला की सहायता करने के तरीके को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनातनी शुक्रवार को उस समय और बढ़ गई जब रूस ने संकटग्रस्त देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के जरिए राहत मुहैया कराने का संकल्प लिया और वॉशिंगटन ने सीमा के जरिए मदद पहुंचाने की अमेरिकी कोशिश को रोकने के कारण वेनेजुएला पर नए प्रतिबंध लगा दिए।
अमेरिका और यूरोपीय देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था कि वेनेजुएला में बिना रुकावट मदद पहुंचाई जाए। इस प्रस्ताव के खिलाफ रूस और चीन ने वीटो का इस्तेमाल किया था। इसके एक दिन बाद अमेरिका ने कहा कि वह पिछले सप्ताहांत अमेरिका के नेतृत्व वाले काफिले को रोकने के लिए वेनेजुएला के छह सैन्य अधिकारियों को निशाना बना रहा है। मादुरो के बलों ने अमेरिका के नेतृत्व में भेजे जा रहे 178 टन चावल, फलियां और अन्य खाद्य पदार्थ सीमा पर रोक दिए थे और इस कारण हुए संघर्ष में चार लोगों की मौत हो गई थी।
वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन ने एक बयान में कहा, ‘‘हम वेनेजुएला में बीमार और भूखे लोगों के लिए ले जाए जा रहे भोजन और दवाइयों को निर्लज्जता से जलाए जाने, निंदनीय हिंसा और लोगों की त्रासदीपूर्ण मौत के जवाब में मादुरो के सुरक्षा बलों के सदस्यों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।’’ संकट के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि एलियोट अब्राम्स ने बताया कि अमेरिका ने कई अन्य अधिकारियों और उनके परिवारों के वीजा रद्द कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि वेनेजुएला में विपक्ष के नेता जुआन गुइदो को अमेरिका और करीब 50 अन्य देशों ने अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दी है, लेकिन मादुरो को रूस और चीन का समर्थन प्राप्त है।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस वेनेजुएला में और गेहूं एवं दवाइयां भेज रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे सभी कदमों में समन्वयता और सहयोग बढ़ा रहे है।’’ लावरोव ने कहा, ‘‘वेनेजुएला पर अब सामने से हमला हो रहा है और उसके घरेलू मामलों में हस्तक्षेप किया जा रहा है। ऐसे में, इस सहयोग का महत्व बढ़ गया हैं।’’