वाशिंगटन: अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज एक ऐसे शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जो शरणार्थियों के प्रवाह को सीमित करने के लिए और चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए सघन जांच के नए नियम तय करता है।
- अमेरिका-मेक्सिको: तनाव के चलते ट्रंप और मेक्सिको के नेता ने फोन पर की बात
- राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने की पहली बार विदेशी नेता से मुलाकात
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले पेंटागन दौरे में ट्रंप ने इस शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने कहा, मैं चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए सघन जांच के नए नियम स्थापित कर रहा हूं। हम उन्हें यहां देखना नहीं चाहते।
ट्रंप ने कहा, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम उन खतरों को अपने देश में न आने दें, जिनसे हमारे सैनिक विदेशों में लड़ रहे हैं। हम सिर्फ उन्हीं को अपने देश में आने देना चाहते हैं, जो हमारे देश को सहयोग देंगे और हमारी जनता से गहरा प्रेम करेंगे। नए रक्षामंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) जेम्स मैटिस और उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ खड़े ट्रंप ने कहा, हम 9/11 के सबक को और पेंटागन में शहीद हुए नायकों को कभी नहीं भूलेंगे। वे हममें से सर्वश्रेष्ठ थे। हम उनका सम्मान सिर्फ अपने शब्दों से ही नहीं, बल्कि हमारे कार्यों से भी करेंगे। आज हम वही कर रहे हैं।
शासकीय आदेश विदेशी आतंकी के अमेरिका में प्रवेश से देश की सुरक्षा कहता है कि 9:11 के बाद अमेरिका ने जो कदम उठाए, वे आतंकियों का देश में प्रवेश रोकने में कारगर नहीं रहे हैं। इसमें कहा गया, विदेशों में जन्मे बहुत से लोगों को 11 सितंबर 2001 के बाद से आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में या तो दोषी करार दिया गया है या आरोपी बनाया गया है। इनमें वे विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जो अमेरिका में पर्यटक, छात्र या रोजगार वीजा लेकर आए थे या फिर अमेरिका में शरणार्थी पुनर्वास कार्यक्रम के तहत यहां आए थे।
इसमें कहा गया कि कई देशों में युद्ध, भुखमरी, आपदा और असैन्य अशांति से बिगड़ती स्थिति के कारण यह आशंका बढ़ गई है कि आतंकी अमेरिका में दाखिल होने के लिए कोई भी माध्यम अपनाएंगे। इसमें कहा गया कि वीजा जारी करते समय अमेरिका को सतर्क रहना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन्हें मंजूरी दी जा रही है, उनका इरादा अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाने का न हो और उनका संबंध आतंकवाद से न हो।
शासकीय आदेश अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम को 120 दिन के लिए तब तक निलंबित करता है जब तक इसे सिर्फ उन देशों के नागरिकों के लिए पुनर्भाषित न कर दिया जाए जिनकी ट्रंप के कैबिनेट के सदस्यों के अनुसार उनकी पूरी तरह जांच की जा सकती है। यह आदेश इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के सभी लोगों को 30 दिन तक अमेरिका में दाखिल होने से रोकता है।