फ्रैंकफर्ट ऐम माइन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अखबार को दिए गए एक साक्षात्कार में नाटो गठबंधन को अप्रासंगिक बताते हुए शिकायत की कि यह संधि आतंकवाद की परवाह नहीं करती है। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने जर्मनी के टैबलॉयड बिल्ड और द टाइम्स ऑफ लंदन के आज के संस्करण के लिए दिए गए एक साक्षात्कार में कहा, मैंने बहुत पहले ही कहा था कि नाटो की बहुत सारी समस्याएं हैं। पहली समस्या तो यह है कि यह अप्रासंगिक हो चुका है क्योंकि कई साल पहले इसे तैयार किया गया था।
- ट्रंप ने बताया ब्रेग्जिट को बेहतर कदम, अन्य देश भी इसी राह में
- पाकिस्तान 'भारत की दादागीरी' बर्दाश्त नहीं करेगा: सरताज अज़ीज़
हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके लिए नाटो अभी भी महत्वपूर्ण है। इस दौरान उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कही गई अपनी बात दोहराते हुए कहा कि कुछ नाटो गठबंधन सहयोगी समुचित तरीके से ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा, इनमें से कई देश उतनी मात्रा में धन नहीं दे रहे हैं जितना उन्हें देना चाहिए और यह अमेरिका के लिए अच्छा नहीं है।
ट्रम्प ने कहा कि केवल पांच देश ही वह राशि दे रहे हैं जो उन्हें देना चाहिए। केवल पांच देश, और यह पर्याप्त नहीं है। नाटो देशों की ओर से खर्च होने वाले कुल धन का 70 फीसदी हिस्सा अमेरिका वहन करता हैं। अगर नाटो के किसी भी सदस्य देश पर हमला होता है तो वह एक-दूसरे की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस आत्म रक्षा वाले उपबंध का उपयोग इतिहास में सिर्फ एक बार अमेरिका पर 9/11 के हमले के बाद हुआ था।