वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के शासन को 'कट्टरपंथी' बताते हुए उसकी निंदा की है और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते को प्रमाणित करने से इनकार कर दिया है। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह इस समझौते को परामर्श के लिए कांग्रेस के पास भेज रहे हैं और अपने सहयोगियों से सलाह लेंगे कि इसमें क्या बदलाव किया जाए।
इतना ही नही उन्होंने ईरान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप भी लगाया है और कहा कि वह ईरान को परमाणु हथियार के रास्ते पर नहीं चलने देंगे। अंतर्राष्ट्रीय जाँचनेवालो का कहना है कि ईरान 2015 में हुए परमाणु समझौते का पूरी तरह पालन कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि समझौता बेहद लचीला है और ईरान ने "कई बार समझौते का उल्लंघन किया।"
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उन्होंने कहा कि ईरान ने समझौते का उल्लंघन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षकों को पूर्ण निरीक्षण नहीं करने दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "ईरान मौत, विनाश और अराजकता फैला रहा है।"ट्रंप ने कहा कि ईरान परमाणु करार का सही प्रकार से पालन नहीं कर रहा है, लेकिन फिर भी वह इसके तहत लाभ उठा रहा है। उन्होंने कहा कि परमाणु करार को लेकर उनकी नई रणनीति से यह समस्या भी दूर होगी। साथ ये भी कहा कि अमेरिका किसी भी समय इस समझौते से अलग होने का अधिकार रखता है।