वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में दोबारा जीतने के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन में चीन के अपने समकक्ष शी चिनफिंग से मदद मांगी थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने अपनी नई किताब में यह दावा करके देश की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि बोल्टन की आगामी किताब में ‘गोपनीय सूचनाएं’ हैं और न्याय विभाग ने इस किताब के प्रकाशन पर अस्थायी रोक लगाने की मांग की है।
23 जून से दुकानों में आ सकती है किताब
‘द रूम वेयर इट हैपन्ड: अ व्हाइट हाउस मेमोयर’ नाम की इस किताब के अंश द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉशिंगटन पोस्ट और द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बुधवार को छापे। इस किताब के 23 जून से दुकानों में मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रपति ने पिछले साल बोल्टन को बर्खास्त कर दिया था। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मैकनैनी ने कहा, ‘इस किताब में कई गोपनीय सूचनाएं हैं जो अक्षम्य है। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को भी यह समझना चाहिए कि ऐसी किताब में अमेरिका की सरकार की अत्यधिक गोपनीय सूचनाएं होना अस्वीकार्य है जो प्रकाशित होगी। यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। इसकी समीक्षा नहीं की गई है।’
बोल्टन ने किताब में जताया यह संदेह
अपनी किताब में बोल्टन ने संदेह जताया है कि क्या ट्रंप द्वारा चीन के खिलाफ अपनाया गया कड़ा रुख चुनावों तक टिका रहेगा। उन्होंने लिखा, ‘सबसे महत्वपूर्ण यह है कि ट्रंप का चीन को लेकर मौजूदा रुख चुनाव वाले दिन तक बना रहेगा? ट्रंप प्रेजीडेंसी दर्शन, रणनीति या नीति पर आधारित नहीं है। यह ट्रंप पर आधारित है। यह उन लोगों खासतौर से चीनी यथार्थवादियों के लिए सोचने का वक्त है जिन्हें पता है कि ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में क्या करेंगे।’ बोल्टन ने दावा किया कि ट्रंप ने जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर 29 जून 2019 को ओसाका में एक बैठक के दौरान अपने पुन: चुनाव में चीनी राष्ट्रपति से मदद मांगी थी।
‘ओसाका में ट्रंप ने मांगी थी शी की मदद’
बोल्टन ने कहा, ‘ओसाका में 29 जून को हुई बैठक में शी ने ट्रंप से कहा कि अमेरिका-चीन के संबंध दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण हैं। शी ने कहा कि कुछ अमेरिकी नेता चीन के साथ नए शीतयुद्ध की बात करके गलत टिप्पणियां कर रहे हैं। मुझे नहीं मालूम कि शी का इशारा डेमोक्रेट्स की ओर था या अमेरिकी सरकार के कुछ लोगों की तरफ लेकिन ट्रंप ने फौरन मान लिया कि शी का मतलब डेमोक्रेट्स से है। ट्रंप ने सहमति जताते हुए कहा कि डेमोक्रेट्स में चीन के प्रति शत्रुता का भाव है। इसके बाद बातचीत अचानक से आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर पहुंच गई जिसमें चीन की आर्थिक क्षमता की ओर इशारा किया गया और शी से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया कि वह जीत जाएं।’
जो बाइडेन ने की ट्रंप की आलोचना
इस किताब के अंश प्रकाशित होने के तुरंत बाद डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन ने ट्रंप की आलोचना की। पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, ‘आज हमें जॉन बोल्टन से मालूम चला कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने राजनीतिक भविष्य की रक्षा करने के लिए अमेरिकी लोगों को बेच दिया। उन्होंने चीन के नेता शी चिनफिंग से कथित तौर पर सीधे दोबारा चुनाव जीतने में मदद मांगी।’ बोल्टन की इस नई किताब के दावों को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ट्रंप पर डेमोक्रेट्स के हमलों में तेजी आ सकती है।