वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन की एक अन्य विवादास्पद शासकीय आदेश जारी करने की योजना है जिसमें धर्म के आधार पर किसी व्यक्ति अथवा संगठन को सेवा, रोजगार तथा अन्य लाभों से वंचित किया जा सकता है। वॉल स्ट्रीट जरनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इस्टैब्लिशिंग ए गवर्मेंट-वाइड इनिशिएटिव टू रिस्पेक्ट रिलीजियस फ्रीडम’ नामक आदेश के मसौदे में उन प्रस्तावों को शामिल किया गया है जिनकी रूढ़िवादी ईसाई लंबे समय से मांग कर रहे थे।
देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस तरह के किसी आदेश पर हस्ताक्षर हो जाते हैं तो ट्रंप धार्मिक आजादी, समलैंगिक अधिकारों और प्रजनन के अधिकार जैसे संवेदनशील मामलों के विवाद में फंस सकते हैं जिन पर वर्षों से विभिन्न राज्यों और अदालतों में मंथन हुआ है। वॉशिंगटन पोस्ट में भी ऐसी ही एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जिसमें कहा गया है कि यह मसौदा आदेश धर्म के आधार पर लोगों और संगठनों को सेवाएं देने, रोजगार तथा अन्य लाभों से व्यापक रूप से वांचित कर सकता है। हालांकि व्हाइटहाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा है कि प्रशासन की इस मुद्दे पर कोई निर्देश जारी करने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘फिलहाल ऐसा कोई शासकीय आदेश नहीं है जो कि आधिकारिक हो। हम यह कहते हैं कि इस मोर्चे पर कुछ भी नया नहीं हैं।’ स्पाइसर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘जबतक राष्ट्रपति अपना मन नहीं बना लेते और प्रतिक्रिया नहीं देते और निर्णय नहीं दे देते कि यही अंतिम है, तब तक घोषणा करने के लिए कुछ भी नहीं है। इस देश में हमें किसी भी धर्म को मानने की आजादी है, और मुझे लगता है कि लोगों को बिना किसी भय के अपने धर्म को मानना चाहिए।’