वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज नयी अंतरिक्ष नीति पर हस्ताक्षर किये हैं जो नासा को अमेरिकी नागरिकों को पहले चांद पर और फिर मंगल ग्रह पर भेजने का निर्देश देती है। पिछले कई दशकों से चांद पर किसी अमेरिकी को नहीं भेजा गया है और यह नीति अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को फिर से वहां भेजने की दिशा में पहल है। व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं जिस दिशा निर्देश पर हस्ताक्षर कर रहा हूं वह अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम के मनुष्यों के जरिए अन्वेषण और खोज पर बल देगा। यह 1972 के बाद पहली बार अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों के लंबे समय के लिए चांद पर जाने और खोज करने का महत्वपूर्ण कदम होगा।’’ (इस्राइल ने किया गाजा पट्टी पर हमला, दागे गए रॉकेट )
इससे पहले अपोलो मिशन के दौरान 1960 और 1970 की दशक में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री चांद पर गये थे। व्हाइट हाउस में नयी अंतरिक्ष नीति निर्देशों पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘इस बार हम वहां सिर्फ अपना झंडा लगाकर अपना निशान नहीं छोड़ेंगे। इस कदम से अंतत: हम मंगल मिशन, और भविष्य में अन्य ग्रहों की यात्रा के लिए नींव रख रहे हैं।’’ 21 जुलाई, 1969 को अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने चांद पर पहला कदम रखा था।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद के प्रमुखों राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने चांद पर फिर से अंतरिक्षयान भेजने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कुछ खास जानकारी नहीं दी थी। पेन्स के मुताबिक नयी अंतरिक्ष नीति निर्देशक यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘‘अमेरिका एक बार फिर अंतरिक्ष में नेतृत्व करेगा।’’