वॉशिंगटन: अमेरिकी उप-राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार माइक पेंस ने कहा है कि राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप अब देश में मुसलमानों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं चाहते हैं। यह निश्चित रूप से ट्रंप के सबसे भड़काउ नीति प्रस्तावों में से एक से अलग हटने का संकेत है। पेंस ने गुरुवार को कहा, ‘डॉनल्ड ट्रंप का अब यह रुख नहीं है।’ उन्होंने यह बात तब कही जब उनसे देश में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के ट्रंप के बयान के बारे में पूछा गया था।
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पेंस ने कहा, ‘डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिकी लोगों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता देने के लिए कहा है। वह यह स्पष्ट कर चुके हैं कि हमारा रुख यह है कि हम उन देशों से माइग्रेशन रोकने जा रहे हैं जिन्होंने आतंकवाद के साथ समझौता किया है।’ उन्होंने कहा कि ट्रंप ने आतंकवाद के साथ समझौता करने वाले देशों और क्षेत्रों से लोगों की आवाजाही रोकने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। पेंस ने बाद में पेंसिल्वैनिया में एक चुनाव रैली में ओबामा प्रशासन की आलोचना की और ईरान के परमाणु कार्यक्रम तथा तेहरान से 4 अमेरिकी बंधकों को छोड़े जाने का संदर्भ देते हुए कहा कि उसने ईरानियों को फिरौती के रूप में धन दिया। हालांकि, अमेरिकी सरकार ने इस आरोप से इनकार किया है ।
पेंस ने कहा, ‘मैं आपसे वायदा करता हूं। डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर हम आतंकवादियों को फिरौती नहीं देंगे। यदि वे अमेरिकियों को बंधक बनाएंगे या हमारे लोगों को नुकसान पहुंचाएंगे तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका अन्य 4 साल के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रशासन को नहीं रख सकता। पेंस ने कहा, ‘हम और 4 साल के लिए अपने दुश्मनों से माफी मांगने और अपने मित्रों का साथ छोड़ने वाली स्थिति नहीं रख सकते। अमेरिका की सुरक्षा के लिए, विश्व की सुरक्षा के लिए, अमेरिका को मजबूत होने की आवश्यकता है। और जब डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे तो हम विश्व मंच पर एक बार फिर अमेरिकी शक्ति के साथ नेतृत्व करेंगे।’