न्यूयार्क: हिंदू-अमेरिकियों के एक संगठन ने उम्मीद जताई है कि वह अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए डोनाल्ड ट्रंप के साथ मिलकर कश्मीर, कट्टरपंथी इस्लाम द्वारा पैदा किए गए आतंकवाद और आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों के साथ अमेरिका के संबंधों पर वार्ता करेगा। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) ने अमेरिका का 45वां राष्ट्रपति चुने जाने पर 70 वर्षीय रिपब्लिकन को बधाई दी और कहा कि वह हिंदू अमेरिकी समुदाय में कई लोगों की गहरी चिंता के मामलों से निपटने के लिए उनके प्रशासन के साथ काम करने का इच्छुक है।
समूह ने आज यहां जारी एक बयान में कहा, हमारे देश की विदेश नीति को आगे बढ़ाते हुए HAF की मुख्य चिंताएं हैं: हिंदुओं और अन्य धर्मिक अल्पसंख्यकों के साथ विश्व भर में, खासकर पाकिस्तान एवं बांग्लादेश जैसे देशों में हो रहा मानवाधिकार का घोर उल्लंघन। ये वे देश हैं, जहां कट्टरपंथी इस्लाम आतंकवाद एवं हिंसा को बढ़ावा दे रहा है। अन्य प्रमुख चिंताएं हैं- पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में छेड़ा या छद्म युद्ध एवं कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और इसके साथ ही आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों के साथ अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध।
समूह ने कहा कि वह सभी अमेरिकियों के लिए सुरक्षित एवं समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक विविध आर्थिक एवं सुरक्षा मामलों पर आगामी ट्रंप-पेंस प्रशासन के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है। विभाजन के जख्मों पर मरहम लगाने के ट्रंप से बयान से प्रोत्साहित होकर एचएएफ ने उम्मीद व्यक्त की कि वह घृणा अपराध पर नजर रखने एवं उससे निपटने, धार्मिक कर्मी वीजा पर विशेष ध्यान देते हुए समग्र आव्रजन सुधार, समान एच-1बी नीति और उत्पीड़न से बचकर आए हिंदू शरणार्थियों के लिए शरण जैसे मामलों पर भी प्रतिबद्धता दिखाएंगे।
समूह ने वर्ष 2016 के चुनावों में हिंदू अमेरिकी सांसदों की सफलता की भी प्रशंसा की। प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेट तुलसी गबार्ड के साथ पहली बार विजेता बनीं वाशिंगटन स्टेट से प्रमिला जयपाल, कैलिफोर्निया के रो खन्ना और इलिनोइस के राजा कृष्णमूर्ति कांग्रेस में चुने गए हैं। इनके अलावा राज्य स्तर के मुकाबले में भी ओहायो से रिपब्लिकन नीरज अंतानी एवं कनेक्टिकट से प्रसाद श्रीनिवासन, उत्तर कैरोलिना के जय चौधरी और कैलिफोर्निया के ऐश कालड़ा जैसे अन्य भारतीय अमेरिकियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया।