Thursday, November 28, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. ट्रंप ने रूस संबंधी विवाद को 'नाजी' रणनीति करार दिया

ट्रंप ने रूस संबंधी विवाद को 'नाजी' रणनीति करार दिया

न्यूयॉर्क: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के बीच तनाव गहराता जा रहा है। ट्रंप ने उस संदेहास्पद डोजियर को तैयार करने व उसे लीक करने की घटना को 'नाजी' रणनीति

IANS
Published : January 13, 2017 11:39 IST
Trump,Putin- India TV Hindi
Trump,Putin

न्यूयॉर्क: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के बीच तनाव गहराता जा रहा है। ट्रंप ने उस संदेहास्पद डोजियर को तैयार करने व उसे लीक करने की घटना को 'नाजी' रणनीति करार देते हुए निंदा की है, जिसके मुताबिक उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए रूस के पास दस्तावेज हैं। 

बुधवार को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के पहले संवाददाता सम्मेलन के दौरान 'निराधार दस्तावेजों' के लीक होने का मुद्दा छाया रहा। इन दस्तावेजों को ब्रिटेन के एक पूर्व खुफिया एजेंट ने तैयार किया है और इसके सार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने ट्रंप तथा राष्ट्रपति बराक ओबामा दोनों से साझा किया है।

ट्रंप ने कहा, "मेरी नजर में यह यह शर्मनाक है। शर्मनाक क्योंकि खुफिया एजेंसियों ने उन सूचनाओं को ग्रहण किया जो वास्तव में फर्जी निकलीं। यह कुछ उसी तरह है जैसा नाजी जर्मनी ने किया था।"

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के लिए बेहद बुरा पल आया हुआ है। इन एजेंसियों (घरेलू तथा विदेशी) को राजनीति में घसीटा गया है। डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत रूस ने डेमोक्रेटिक पार्टी के कंप्यूटरों को हैक किया। यह वाटरगेट कांड का साइबर संस्करण है।

और, अब किसी ने, जिसका ब्रिटिश खुफिया एजेंसी से संपर्क है, निराधार अफवाहों वाला एक डोजियर तैयार किया है। इस डोजियर को अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने मीडिया को लीक कर दिया, ताकि ट्रंप की छवि राष्ट्रपति के रूप में पारी की शुरुआत से पहले ही खराब हो सके।

ट्रंप ने 'फर्जी खबरों' के पैरोकार के रूप में 35 पन्नों का दस्तावेज प्रकाशित करने वाली वेबसाइट बजफीड तथा इसके सार के खुलासा करने वाले वेबसाइट के साझेदार सीएनएन के प्रति भारी नाराजगी जताया है।

मीडिया की आमतौर पर आलोचना करने वाले ट्रंप ने दस्तावेज को फर्जी खबर बताने तथा उसे खारिज करने के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स व कुछ अन्य मीडिया संस्थानों का शुक्रिया अदा किया।

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के आदेश पर रूसी खुफिया एजेंसियों ने डेमोक्रेटिक पार्टी के सर्वरों को हैक किया और ट्रंप को जिताने के लिए हिलेरी क्लिंटन की छवि खराब करने वाले ई-मेल को लीक किया गया। खुफिया एजेंसियों के आरोप का ट्रंप ने विरोध किया है। 

अपने संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि रूस ने हैकिंग की, लेकिन उन्होंने अपने कंप्यूटरों को न बचा पाने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी को जिम्मेदार ठहराया।

ऐसा लगा कि वह डेमोक्रेटिक पार्टी के सर्वरों की हैकिंग के लिए पुतिन की निंदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुतिन को ऐसा नहीं करना चाहिए था और उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान पुतिन ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि रूस पर हैकिंग के लिए ओबामा ने जो प्रतिबंध लगाए हैं, उसका वह समर्थन करते हैं।

ट्रंप टावर में एक घंटे तक चले संवाददाता सम्मेलन में दुनिया भर के 250 से अधिक संवाददाताओं ने हिस्सा लिया। इसमें लीक हुए डोजियर तथा ट्रंप द्वारा ज्यादा से ज्यादा नौकरियों का सृजन करने की योजना का मुद्दा छाया रहा। इस दौरान विदेश नीति का मुद्दा हाशिये पर देखा गया।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने अमेरिकी उद्योगों की विनिर्माण इकाई को वापस अमेरिका में बुलाने के बारे में बात की, जिसका भारत पर गहरा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, "हमें अपने दवा उद्योग को वापस बुलाना है।"

ट्रंप ने कहा, "हमारे दवा उद्योग की हालत दयनीय है। वे कभी इधर तो कभी उधर जा रहे हैं। वे हमारी दवाओं की आपूर्ति तो करते हैं, लेकिन उसे यहां व्यापक तौर पर बनाते नहीं है।"

भारत ने अमेरिका को साल 2015 में छह अरब डॉलर कीमत की दवा का निर्यात किया था और वह ट्रंप की नीति के प्रभाव को महसूस कर सकता है। 

उन्होंने देश के बाहर विनिर्माण इकाई लगाने वाली अमेरिकी कंपनियों पर 'सीमा कर' लगाने की चेतावनी दी।

ट्रंप ने फिएट क्रिसलर तथा फोर्ड द्वारा मध्य पश्चिम अमेरिका में फैक्ट्रियां लगाने के बारे में बात की। ट्रंप के ज्यादातर समर्थक इसी इलाके में रहते हैं और उद्योगों को बंद करने की घोषणा से डरे हुए हैं। ट्रंप ने इन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि आने वाले सप्ताहों में कई और उद्योगों के लगाए जाने की घोषणा होगी। उन्होंने कहा कि यह सब केवल उनके प्रयास की बदौलत है।

विदेश नीति पर चर्चा भी रूस पर ही केंद्रित रही।

उन्होंने कहा, "अगर पुतिन, डोनाल्ड ट्रंप को पसंद करते हैं, तो मैं इसे एक सकारात्मक रूप में देखता हूं, किसी जवाबदेही के रूप में नहीं। क्योंकि, रूस के साथ हमारे संबंध भयावह रहे हैं।"

ट्रंप ने कहा, "इस्लामिक स्टेट (आईएस) से लड़ने में रूस हमारी सहायता कर सकता है, जो सबसे बड़ा मुद्दा है।"

उन्होंने कहा, "अगर कोई और देश का नेतृत्व कर रहा होता तो यह बात नहीं होती। चूंकि मैं देश का नेतृत्व कर रहा हूं, इसलिए रूस हमारे देश का अधिक आदर करेगा।"

ट्रंप के धुर आलोचक न्यूयॉर्क टाइम्स के कार्यकारी संपादक डीन बकेट ने ट्रंप के खिलाफ लगे आरोपों को पूरी तरह निराधार करार दिया।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक बकेट ने कहा, "दूसरों की तरह हमने भी (रूसी डोजियर के) आरोपों की जांच की, लेकिन ट्रंप के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला।"

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement