वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर कोरोना वायरस महामारी के हर पहलू को छिपाने और गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह इस अंतरराष्ट्रीय संगठन 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' के वित्त पोषण पर ‘रोक’ लगा रहे हैं।कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में सामने आए हैं, जबकि कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा मौतें इटली, स्पेन, फ्रांस और अमेरिका में हुई हैं।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च की जाने वाली राशि पर रोक लगाने जा रहे हैं। हम इस पर बहुत प्रभावशाली रोक लगाने जा रहे हैं। अगर यह काम करता है तो बहुत अच्छी बात होती। लेकिन जब वे हर कदम को गलत कहते हैं तो यह अच्छा नहीं है।’’ विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय जिनेवा में स्थित है और उसे अमेरिका की ओर से बड़ी धनराशि मिलती है।
ट्रम्प ने आरोप लगाया, ‘‘उनको मिलने वाले वित्तपोषण का अधिकांश या सबसे बड़ा हिस्सा हम उन्हें देते हैं। जब मैंने यात्रा प्रतिबंध लगाया था तो वे उससे सहमत नहीं थे और उन्होंने उसकी आलोचना की थी। वे गलत थे। वे कई चीजों के बारे में गलत रहे हैं। उनके पास पहले ही काफी जानकारी थी और वे काफी हद तक चीन केंद्रित लग रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन अमेरिका की ओर डब्ल्यूएचओ को दिए जाने वाले वित्त पोषण पर विचार करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें 5.8 करोड़ डॉलर से अधिक की धनराशि देते हैं। इतने वर्षों में उन्हें जो पैसा दिया गया है उसके मुकाबले 5.8 करोड़ डॉलर छोटा-सा हिस्सा हैं। कई बार उन्हें इससे कहीं ज्यादा मिलता है।’’
ट्रम्प ने कहा, ‘‘लेकिन हम इस पर विचार करना चाहते हैं। उन्होंने (डब्ल्यूएचओ) इसे गलत बताया। वे महीनों पहले इसके बारे में बता सकते थे। वे जानते होंगे और उन्हें जानना चाहिए था। इसलिए हम बहुत सावधानीपूर्वक इस पर विचार करेंगे और हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च की जाने वाली धनराशि पर रोक लगाने जा रहे हैं।’’ इस बीच, सीनेट की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सीनेटर जिम रिच ने कोविड-19 से निपटने में डब्ल्यूएचओ के तौर तरीकों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ न केवल अमेरिकी लोगों के लिए नाकाम हुआ बल्कि वह कोविड-19 से निपटने में घोर लापरवाही के साथ विश्व के मोर्चे पर भी नाकाम हुआ।’’ करीब 24 सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस गेब्ररेयेसुस के इस्तीफा देने तक डब्ल्यूएचओ की निधि रोकने वाला प्रस्ताव लाने का मंगलवार को एलान किया। साथ ही कोविड-19 से निपटने में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की नाकामी को छिपाने में संगठन की भूमिका की अंतरराष्ट्रीय आयोग से जांच कराने की भी मांग की।
इस बीच, सीनेट की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सीनेटर जिम रिच ने कोविड-19 से निपटने में डब्ल्यूएचओ के तौर तरीकों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ न केवल अमेरिकी लोगों के लिए नाकाम हुआ बल्कि वह कोविड-19 से निपटने में घोर लापरवाही के साथ विश्व के मोर्चे पर भी नाकाम हुआ।